Schools will open in Uttarakhand

Unlock 6.0 In Uttarakhand : उत्तराखंड में शासन द्वारा Unlock 6.0 के लिए एसओपी जारी कर दी है। सरकार ने एहतियात के साथ प्रदेश में कंटेनमेंट जोन से बाहर कोचिंग इंस्टीट्यूट खोलने को अनुमति दे दी है। एसओपी में कहा गया है कि उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का अनुमोदन किया जाएगा। साथ ही उत्सवों और भीड़भाड़ वाले आयोजनों में मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर और सख्ती बरतने के आदेश भी दिए गए हैं। मुख्य सचिव ओम प्रकाश द्वारा जारी एसओपी का शासनादेश सभी जिलाधिकारियों को भेजा है। प्रदेश में कोचिंग संस्थान खोलने का निर्णय संबंधित जिले ही लेंगे।

2 नवंबर (सोमवार) से 10वीं-12वीं कक्षाओं के लिए खुलेंगे स्कूल

एसओपी (स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर) के अनुरूप प्रदेश में 10वीं तथा 12वीं बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए सोमवार (02 नवंबर) से स्कूल खुलेंगे। प्रथम चरण में माध्यमिक स्कूलों में केवल 10वीं और 12 वीं के छात्रों को आने की अनुमति होगी। केवल वे ही छात्र स्कूल आ सकते हैं, जिनके अभिभावक उन्हें मंजूरी देंगे। स्कूल खोलने को लेकर विभाग की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर के मुताबिक सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों, जिला शिक्षा खंड शिक्षा और उप शिक्षा अधिकारियों को शासन की गाइड लाइन के हिसाब से पूरी तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षा निदेशक ने कहा कि सभी स्कूलों को सैनिटाइज किया गया है। बच्चों का तापमान मापने के लिए थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था की गई है। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या अधिक है। उन स्कूलों में दो शिफ्ट में कक्षाएं चलाई जाए। राजकीय प्रिंसिपल एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष एसएस बिष्ट के मुताबिक, स्कूल खोलने से पहले स्कूल प्रिंसिपल की ओर से अभिभावकों की लिखित सहमति ली गई है। इसके अलावा कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण को क्रमवार तालाबंदी को समाप्त करने के लिए एक अक्टूबर को जारी मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) को ही 30 नवंबर तक यथावत रखा गया है।

कोरोना संक्रमण के चलते 14 मार्च से बंद हुए राजकीय विद्यालय और कोचिंग सेंटर करीब 231 दिन के बाद कल से खुलेंगे। जबकि प्राइवेट स्कूलों को चलाने की अनुमति पर फैसला प्रशासन और शिक्षा विभाग के संयुक्त निरीक्षण के बाद होगा। शिक्षा सचिव ने बताया कि स्कूल संचालन के लिए विस्तृत एसओपी जारी की जा चुकी है। हर स्कूल का प्रधानाचार्य नोडल अधिकारी बनाया गया है। नोडल अधिकारी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए तय मानकों के पालन के लिए जिम्मेदार होंगे।

कोरोना महामारी के चलते बदल गया स्कूलों का पैटर्न

कोरोना महामारी की वजह से स्कूल का फार्मेट भी बिलकुल बदलने जा रहा है। ऐेसे कई नए मानक लागू किए गए हैं। सुबह स्कूल मैदान में होने वाली प्रार्थना सभा कल से नहीं होगी। छात्र क्लासरूम में ही सुबह की प्रेयर कर सकते हैं। इसके साथ ही सभी प्रकार की सांस्कृतिक और खेल गतिविधियां भी प्रतिबंधित रहेंगी। शिक्षा सचिव के अनुसार कोरोना संक्रमण पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। इसलिए इस एहतियात को रखना बेहद जरूरी है। एसओपी में तय किया गया है कि अधिक आयु वाले कर्मचारी, गर्भवती महिला और संवेदनशील स्वास्थ्य वाले कर्मी अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखेंगे। उन्हें छात्रों से सीधा संपर्क में आने वाला कोई फ्रंटलाइन कार्य नहीं दिया जाएगा। सर्दी, खासी, जुकाम और बुखार की शिकायत मिलने पर सबंधित कामिक और छात्र को स्कूल से लौटा दिया जाएगा छात्रों को स्कूल में होने वाले स्वच्छता अभियानों में शामिल नहीं किया जाएगा स्कूल में कोरोना पॉजिटिव मामला प्रकाश में आने पर तत्काल शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को सूचना देनी होगी। एसओपी का उल्लंघन होने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

स्कूल खोलने को लेकर शासन स्तर से पूर्व में ही आदेश जारी कर दिए गए थे। लेकिन प्रदेश में स्कूल खोलने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का स्कूल खोलने का बयान सामने आने के बाद इस असमंजस की स्थिति दूर हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी प्रदेश में 10वीं तथा 12वीं बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खुलेंगे। धीरे-धीरे स्थितियां समान्य होने पर अन्य कक्षाओं को के लिए स्कूल खोलने पर विचार किया जायेगा।