Earthquake Uttarakhand : हैदराबाद स्थित नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट डॉक्टर एन पूर्णचंद्र राव ने उत्तराखंड, हिमाचल और पश्चिमी नेपाल में तुर्की से भी भयानक भूकंप या फिर ग्रेटर भूकंप आने की संभावना जताई है। साइंटिस्ट एन पूर्णचंद्र राव ने दावा किया है कि टेक्टॉनिक प्लेट हर साल करीब 5 सेंटीमीटर आगे बढ़ रही है। टेक्टॉनिक प्लेट बढ़ने के चलते हिमालयी बेल्ट में तनाव उत्पन्न हो रहा है। लिहाजा तनाव से उत्पन्न एनर्जी कभी भी बड़े भूकंप के रूप में बाहर आ सकती है।

उन्होंने दावा किया है कि यह भूकंप खासकर उत्तराखंड, हिमाचल और पश्चिमी नेपाल में आने की संभावना है। इतना ही नहीं, राव ने ग्रेटर भूकंप आने की संभावना जताई है। हालांकि, भूकंप की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। क्योंकि अभी तक ऐसा कोई इक्विपमेंट्स या फिर तकनीकी तैयार नहीं हो पाई है। जिससे आने वाले भूकंप की भविष्यवाणी की जा सके।

बता दें कि हाल ही में तुर्की में 7.8 मेग्नीट्यूड वाला भूकंप आया था, जिसके चलते 45000 से ज्यादा लोगों की जान गई है। डॉ राव के मुताबिक उत्तराखंड का खासकर हिमालयन इलाका जो कि पश्चिमी नेपाल से सटा हुआ है यह सीस्मिक जोन 4 की कैटेगरी में आता है और यहां कभी भी बड़ा भूकंप नहीं आया है लेकिन जमीन के भीतर हो रहे बदलाव के चलते ऐसा भूकंप आना तय है लेकिन इसकी तारीख या समय सीमा नहीं बताई जा सकती।

वैज्ञानिकों के मुताबिक पूरा हिमालय रीजन जम्मू कश्मीर से लेकर के अरुणाचल प्रदेश तक 4 और 5 की कैटेगरी में आता है जो कि भूकंप प्रभावी क्षेत्र हैं। रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता तक का भूकंप आखरी बार हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में 50 के दशक में देखा गया था और 90 के दशक में बिहार- नेपाल के बॉर्डर पर ऐसा एक भूकंप आया था लेकिन उसके बाद हाल-फिलहाल के सालों में इस पूरे हिमालयन रीजन में 8 की तीव्रता का भूकंप नहीं आया है। साल 1991 में उत्तरकाशी में 6.5 मैग्नीट्यूड, साल 1999 में चमोली में आई 6.0 मैग्नीट्यूड के साथ ही 2017 में करीब 5.8 मैग्नीट्यूड की भूकंप के दौरान हजारों लोगों की मौत हुई थी।