Dr. Pitambar Dutt Barthwal

श्रीनगर गढ़वाल: हिंदी के प्रथम डी.लिट डॉ. पीतांबर दत्त बड़थ्वाल की 122वीं जयंती के अवसर पर  सांस्कृतिक नगरी श्रीनगर में हिमालयन साहित्य एवं कला परिषद श्रीनगर व केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा उत्तर प्रदेश की संयुक्त पहल पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शानदार आगाज हुआ. संगोष्ठी का शुभारंभ काशी विद्यापीठ बनारस के प्रोफेसर डॉ. देवेंद्र सिंह, गढ़वाल विवि की हिंदी विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. उमा मैठाणी व डीएवी देहरादून के डॉ. राम विनय सिंह द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस मौके पर राजकीय बालिका इंटर कॉलेज श्रीनगर की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर किया गया.

कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर  डा. बडथ्वाल पर कार्य करने वाले साहित्यकारों पूर्व प्रधानाचार्य नीरज नैथानी, डॉक्टर प्रकाश चमोली एवं प्रोफेसर संपूर्ण सिंह रावत द्वारा प्रशस्ति पत्र का वाचन किया गया. सभी वक्ताओं को स्मृति एवं शाल भेंट कर सम्मानित किया गया.

कार्यक्रम में मुख्य वक्ताओं वाराणसी के साहित्यकार देवेन्द्र सिंह वाराणसी एवं जीएसटी उत्तराखंड की उपायुक्त नीलम ध्यानी, गणेश मणि त्रिपाठी, विमल बहुगुणा, प्रोफेसर मोहन पंवार, प्रोफेसर आरएन गैरोला, डॉक्टर प्रमोद बड़थ्वाल, उमा मैठाणी आदि ने अपने विचार व्यक्त किये. डॉ पीडी बड़थ्वाल के गांव पाली के डॉक्टर प्रमोद बड़थ्वाल ने कहा कि पाली गांव में जन्मे एक बालक ने हिंदी में प्रथम डिलीट की उपलब्धि प्राप्त की. उन्होंने डाक्टर पीडी बड़थ्वाल के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला. जिसे उपस्थित जन समुदाय ने रोचक बताया. कार्यक्रम में डॉक्टर मंजू साहू पूनम द्वारा छत्तीसगढ़ का लोक नृत्य प्रस्तुत किया गया. राजकीय बालिका इंटर कॉलेज श्रीनगर की छात्रा खुशी आर्य ने अपनी लघु शोध का वाचन किया. प्रथम सत्र का संचालन प्रोफेसर संपूर्ण सिंह रावत एवं द्वितीय सत्र का संचालन डॉक्टर प्रकाश चमोली ने किया.

कार्यक्रम में संस्था के सदस्य कृष्णानंद मैठाणी, देवेंद्र उनियाल, महेश गिरी, कमलेश जोशी, शिक्षक कमलेश बलूनी, महेंद्र सिंह नेगी, हेमचंद मंगाई, माधुरी नैथानी, कौशल्या नैथानी, मीनाक्षी, जयंती बल्लभ मलासी, गणेश डिमरी, संदीप रावत, उमा घिल्डियाल, प्रवेश चमोली, प्रभाकर जोशी, गंगा अनसोड़ा, देशपाल नेगी, प्रभाकर बाबुलकर, जयकृष्ण पैन्यूली, लता तिवारी, पूनम रतूड़ी, प्रेम बल्लभ नैथानी, दीना खुगशाल आदि उपस्थित रहे. प्रथम सत्र के मुख्य अतिथि डॉक्टर देवेंद्र सिंह वाराणसी, विशिष्ट अतिथि नीलम ध्यानी एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉक्टर उमा मैठाणी ने की, वहीँ द्वितीय सत्र की अध्यक्षता डॉक्टर मोहन पवार ने की एवं मुख्य अतिथि प्रोफेसर आरएन गैरोला, विशिष्ट अतिथि डॉक्टर प्रमोद बड़थ्वाल रहे. अंत में प्रोफेसर उमा मैठाणी ने द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया.