kedarkhandi

हिंदी अकादमी दिल्ली द्वारा गठित समिति द्वारा 8 अगस्त 2019 को अकादमी सम्मान की घोषणा की गई। जिसमें उत्तराखंड  के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. पृथ्वी सिंह केदारखण्डी को गढ़वाली साहित्य व् बोली भाषा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सहभाषा सम्मान 2019 के लिए चुना गया।  इस सम्मान में प्रशस्तिपत्र के साथ साथ 1,00000 रूपये की घन राशि देकर उन्हें सम्मानित किया जायेगा। उत्तराखंड के लिए यह गौरव की बात है। इससे न केवल उत्तराखंडियों का सम्मान बढ़ा है अपितु हमारी भाषा को भी सम्मान मिला है।

केदारखण्डी निरंतर साहित्य सृजन में लगे रहते है न केवल हिंदी में बल्कि अपनी मातृभाषा गढ़वाली में भी उन्होंने साहित्य की रचना की है। मृदुभाषी व् विनम्र स्वभाव के केदारखण्डी अपने समकालीन साहित्यकारों के बीच अपनी बोली भाषा को पहाड़ से दूर अन्य लोगों के बीच भी ले जाने में सफल रहे। और कवि सम्मेलनों के माध्यम से भी पहाड़ के दर्द व् समस्याओं को जन चेतना में तब्दील किया। नए कवियों को वे हमेशा प्रोत्साहित करते हैं उन्हें मंच देकर अपनी भाषा का संदेश जन जन तक पहुँचाने का प्रयास करते हैं। यह सम्मान केवल केदारखण्डी जी का ही नहीं है बल्कि उत्तराखंड के हर उस व्यक्ति का है जो अपनी बोली भाषा को सम्मान दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इस सम्मान को गढ़वाली भाषा को संविधान की 8 वीं सूची में शामिल करने के लिए संजीवनी के तौर पे देखा जाना चाहिए। हिंदी अकादमी दिल्ली का व डॉ. पृथ्वी सिंह केदारखण्डी का हम ह्रदय से आभार प्रकट करते हैं।

द्वारिका चमोली के रिपोर्ट