Lok kala sadhak samman: उत्तराखंड की लोकसंस्कृति के क्षेत्र में चार दशकों से अधिक समय से अनवरत रूप से कार्य कर देश विदेश में अपनी संस्कृति को विशेष पहचान दिलाने वाले वरिष्ठ रंगकर्मी, लोक कलाकार संस्कार सांस्कृतिक समिति अल्मोड़ा के निदेशक प्रकाश बिष्ट को 40 साल की कला साधना के बाद 5 दिसंबर 2025 को कलाग्राम चंडीगढ़ में ”लोक कला साधक सम्मान” 2025 से नवाजा जाएगा।
उन्हें यह सम्मान आगामी 5 दिसंबर 2025 को कलाग्राम, चंडीगढ़ में आयोजित भव्य समारोह में दिया जाएगा। खास बात यह है कि यह सम्मान पहली बार उत्तराखंड के किसी कलाकार को मिल रहा है, जिससे प्रदेशभर के कला साधकों और कला प्रेमियों में हर्ष का माहौल है।
पहाड़ की लोक कला को समर्पित प्रकाश बिष्ट वर्ष 1982 से लगातार लोककला, लोकगीत, नृत्य, रंगमंच और पारंपरिक सांस्कृतिक विधाओं के संरक्षण, संवर्धन और प्रसार में सक्रिय हैं। अपने 40 वर्षों से ज्यादा के कला जीवन में उन्होंने न केवल उत्तराखंडी संस्कृति को देशभर में नई पहचान दिलाई, बल्कि विदेशों में भी लोक संस्कृति का परचम फहराया। संस्कार सांस्कृतिक समिति के निदेशक के रूप में उनके नेतृत्व में तैयार किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने उत्तराखंडी कला को एक अलग ऊंचाई पर पहुंचाया है।
प्रकाश बिष्ट को इससे पूर्व भी कई प्रतिष्ठित अलंकरण प्राप्त हो चुके हैं। इनमें भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की सीनियर फेलोशिप, उत्तराखंड लोक कला सम्मान, उत्तरी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (पटियाला) की गुरु उपाधि, बेस्ट फोक मास्टर अवॉर्ड, फोक आर्ट लीडरशिप अवॉर्ड, लोक कला महर्षि सम्मान और दिल्ली के अशोका हाल में चीफ जस्टिस एम. बालाकृष्णन द्वारा प्रदान किया गया गोल्ड मेडल प्रमुख है। यह उपलब्धियां उनके कला जगत में निरंतर योगदान और उत्कृष्ट नेतृत्व का प्रमाण हैं।
प्रकाश बिष्ट के निर्देशन में संस्कार ग्रुप ने वर्ष 2024 और 2025 में गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कर्तव्य पथ, नई दिल्ली में उत्तराखंड की लोक संस्कृति का मनमोहक प्रदर्शन कर राष्ट्रीय स्तर पर सराहना बटोरी। इस प्रस्तुति ने उत्तराखंड की कला विरासत को नई पहचान दिलाई और युवा कलाकारों को प्रेरित किया। इस सम्मान की घोषणा होते ही पूरे प्रदेश में खुशी की लहर दौड़ गई। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, कलाकारों और सांस्कृतिक संगठनों ने प्रकाश बिष्ट को शुभकामनाएं दीं।



