मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में राज्य सैनिक बोर्ड की छठवीं बैठक संपन्न हुई। बैठक में सर्वप्रथम राज्य सैनिक बोर्ड की पंचम बैठक में उठाए गए बिंदुओं की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सैनिक हमारा गर्व हैं। उन्होंने कहा कि सेवा निवृत्ति के बाद उनको रोजगार उपलब्ध के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है। पूर्व सैनिकों को होम स्टे, सौर ऊर्जा, ग्रोथ सेंटर एवं बायोमास नीति (पिरुल नीति) के क्षेत्र में रोजगार से जोड़ने हेतु प्रोत्साहित किया जाए। पूर्व सैनिकों को चयनित कर प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों को रोजगार हेतु विभिन्न योजनाओं से जोड़ने के लिए विभिन्न माध्यमों से प्रचार प्रसार किया जाए।
मुख्यमंत्री ने ब्लॉक प्रतिनिधियों के मानदेय को बढ़ाने हेतु सहमति जताते हुए इसका प्रस्ताव लाने के निर्देश दिए। उन्होंने ब्लॉक प्रतिनिनिधियों को ब्लॉक कार्यालय में निर्धारित दिन में स्थान उपलब्ध कराने हेतु भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने ईसीएचएस पॉलीटेक्निक हेतु भूमि उपलब्ध कराए जाने हेतु कार्यवाही तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने पूर्व सैनिकों के अनाथ बच्चों को कौशल विकास कार्यक्रमों से जोड़ने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों, उनकी विधवाओं, युद्ध के दौरान घायल और अपंग सैनिकों को निशुल्क यात्रा सुविधा अनुमन्य करने पर सैद्धांतिक सहमति व्यक्त की। बैठक के दौरान सेना के स्नातक एवं मैट्रिकुलेशन प्रमाण पत्रों को केन्द्र सरकार की तर्ज पर वैध माने जाने पर भी सहमति व्यक्त की।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, जीओसी उत्तराखण्ड एरिया मेजर जनरल आर.एस. ठाकुर, सचिव अमित नेगी, कर्नल पी.आर.एस. रावत एवं महाप्रबन्धक उपनल ब्रिगेडियर पीपीएस पाहवा सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।