उत्तरकाशी के नौगांव से चार महीने पहले गायब हुई 30 वर्षीय महिला का कंकाल पुलिस ने चकराता से बरामद किया है। इस मामले में पुलिस और एसओजी की टीम ने बागपत निवासी आरोपी को चकराता के बैराट खाई के पास से गिरफ्तार कर लिया है। जिसके बाद आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। हत्यारोपी शख्स रिश्ते में मृतक महिला का मौसा लगता है। घटना का पता लगते ही परिजनों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए यमुनोत्री हाईवे पर जाम लगा दिया।
मामला इसी साल जुलाई का है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तरकाशी जनपद के नौगांव के कुण्ड गांव की रहने वाली 30 वर्षीय रानी को उसका मौसा सोम देव बहला फुसला कर अपने साथ ले गया था। इसके बाद परिजनों ने महिला के अपहरण का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए सोनीपत, बड़ौत, बागपत, बिहार, राजस्थान समेत तमाम शहरों में दबिश दी लेकिन पकड़ नहीं पाई।
शनिवार देर रात पुलिस और एसओजी की टीम ने सूचना पर आरोपी को चकराता से धर दबोचा। आरोपी ने बताया कि जब वह रानी को ले गया था तभी उसने रानी की हत्या कर गहरी खाई में फेंक दिया था। आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने महिला का कंकाल बरामद किया।
जब इस घटना का पता लगा तो परिजनों ने ग्रामीणों के साथ नौगांव चौकी के पास यमुनोत्री हाईवे पर जाम लगा दिया। परिजनों की मांग है कि मृतका की पांच वर्ष की बेटी को मुआवजा दिया जाए। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा। पुलिसकर्मियों ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं मानें। पुलिस कप्तान के आश्वासन के बाद ही परिजनों ने जाम खोला।
गुस्साए ग्रामीणों ने यमुनोत्री हाईवे पर लगाया जाम
घटना का राजफाश होने के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस चौकी का घेराव किया व यमुनोत्री हाईवे पर जाम भी लगाया। ग्रामीण आरोपित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग पर हंगामा रहे थे। उत्तरकाशी पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि वर्ष 2015 में बागपात जिले के बिनौली थाने के फजलपुर गांव निवासी सोमदेव का विवाह उत्तरकाशी जनपद के नौगांव कुंड निवासी कमला देवी से हुआ था। सोमदेव पहले से शादीशुदा था तथा पहली पत्नी से दो बेटे हैं। कमला से उसे दो जुड़वा बेटियां हुईं।
आरोपित पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित
उत्तरकाशी पुलिस ने आरोपित पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था। इतना ही नहीं, आरोपित उत्तर प्रदेश में शराब की तस्करी में संलिप्त बताया जा रहा। उस पर खतौली (मुजफ्फरनगर) में गैंगेस्टर एक्ट में मुकदमे समेत मेरठ, बिनौली, बागपत में भी छह से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। वह 11 वर्ष सेना में सेवा दे चुका है, मगर अनफिट होने की स्थिति में उसे सेवानिवृत्त कर दिया गया।
पत्नी व बेटियों को कार से बाहर धकेलकर मौसी का अपहरण
सेना में 11 वर्ष सेवा में रहने के बाद चिकित्सीय जांच में वह अनफिट पाया गया। करीब 10 वर्ष पहले वह सेवानिवृत्त हुआ था। गुजरी सात जुलाई को सोमदेव, पत्नी कमला और दो बेटियों को लेकर नौगांव कुंड आया था। इसके बाद वह पत्नी कमला, दोनों बेटियों व पत्नी की मौसी रानी देवी को लेकर कार से नौगांव की ओर घूमने निकला। रानी उस दौरान मायके में नौगांव कुंड में रह रही थी। आरोप है कि नौगांव के सौली बैंड पर पत्नी व दोनों बेटियों को कार से बाहर धकेलकर सोमदेव, रानी देवी का अपहरण कर फरार हो गया। इस दौरान कमला एवं बेटियां भी घायल हो गई थी। कमला ने पुरोला पुलिस को घटना की सूचना दी।
कमला के भाई आशीष ने 11 जुलाई को जीजा सोमदेव के खिलाफ मौसी रानी देवी के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। जब आरोपित की तलाश में पुलिस ने सोनीपत बागपत, बिनौली व बड़ौत में दबिश दी तो पता चला की सोमदेव शातिर बदमाश है। उत्तरकाशी पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि तलाशने पर भी जब सोमदेव हाथ नहीं लगा तो उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया। शनिवार की रात उसे विकासनगर देहरादून से गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी निशानदेही पर ही रविवार सुबह रानी देवी का क्षत-विक्षप्त शव बरामद किया गया।
हत्या कैसे हुई, यही स्पष्ट नहीं
रानी देवी की हत्या कैसे हुई, पुलिस यह स्पष्ट नहीं कर सकी। आरोपित ने पूछताछ में बताया कि जब वह अपनी पत्नी कमला व बच्चों को कार से बाहर धकेल रहा था तो रानी देवी उसका विरोध करने लगी। इस दौरान रानी देवी घायल हो गई और कार में ही उसने दम तोड़ दिया। जिस पर शव को उसने खाई में फेंक दिया। वहीं, पुलिस को आशंका है कि आरोपित झूठ बोल रहा है। आशंका है कि हत्या के कुछ और कारण हो सकते हैं। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद कारण सामने आते हैं। वहीं, पुलिस ने मृतका का डीएनए सैंपल भी जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया है।
मौसी पर रखता था बुरी नजर
पुलिस ने बताया कि सोमदेव विवाह के बाद से ही पत्नी की सगी मौसी रानी देवी पर गलत नीयत रखता था। रानी देवी का ससुराल पंजाब है और लगभग दो वर्ष से पति के साथ तलाक का मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण वह मायके में रह रही थी। इसका फायदा सोमदेव उठाना चाहता था।