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कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन चल रहा है। लॉकडाउन के कारण कुछ लोग अपने परजनों से दूर में इस कदर फंस गए हैं कि वे दुःख की घड़ी में भी उनके पास नहीं पहुँच सकते हैं। ऐसे ही एक घटना उत्तराखंड के रामनगर की हैं जहाँ लॉकडाउन के चलते बेटे अपनी मां के अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाए। प्राप्त जानकारी के मुताबिक नैनीताल जिले के रामनगर स्थित मधुवन कॉलोनी फेस-1 पीरूमदारा निवासी 93 वर्षीय दुर्गा देवी का शनिवार सुबह बीमारी के चलते निधन हो गया। उनके दो बेटे हैं। एक बेटा नरेंद्र सिंह फरीदाबाद में सिंचाई विभाग में क्लर्क हैं, जबकि दूसरा पृथ्वी सिंह रिटायर सैनिक हैं। जो कि दिव्यांग हैं। दुर्गा देवी पृथ्वी सिंह के साथ ही रहतीं थीं लेकिन लॉकडाउन से पहले वह बेटी के पास दिल्ली चले गए थे। दुर्गा देवी पोते पूरन सिंह के परिवार के साथ पीरूमदारा में रहती थीं। पोता पूरन सिंह आसाम राइफल्स में हैं। और वह भी ड्यूटी पर हैं।

शनिवार की सुबह दुर्गा देवी के निधन की जानकारी मिलने पर कॉलोनी समिति के अध्यक्ष दिनेश बिष्ट मौके पर पहुंचे। उन्होंने वृद्धा के दोनों बेटों से फोन पर बात की, जिन्होंने लॉकडाउन के चलते मां के अंतिम संस्कार में आने में असमर्थता जताई। घर पर दोनों बेटों और पोते के न होने पर पड़ोसियों ने पीरूमदारा पुलिस चौकी को सूचना दी। पुलिस की अनुमति मिलने पर कॉलोनी निवासी नंदन सिंह, बलवंत सिंह, गोविंद सिंह रावत, धन सिंह, दलीप सिंह और हीरा सिंह आदि ने दुर्गा देवी का अंतिम संस्कार किया। वृद्धा को मुखाग्नि उनके पड़ोसी नंदन सिंह ने दी।