Punjabi novel Pinjar

विश्व रंगमंच दिवस पर आज लोक कला सस्कृति एवं निष्पादन केन्द्र हेमवती नन्दन बहुगुणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय व शैलनट नाट्य संस्था श्रीनगर गढ़वाल के सयुंक्त तत्वावधान में   पिंजर अमृता प्रीतम के महशूर उपान्यास पर आधारित नाटक का मंचन चौरास परिसर में किया गया। पिंजर (पंजाबी: ਪਿੰਜਰ,پنجر , उर्दू: پنجر, हिन्दी/अनुवाद: कंकाल) उल्लेखनीय कवयित्री और उपन्यासकार अमृता प्रीतम द्वारा 1950 में लिखित पंजाबी उपन्यास है। यह एक हिंदू लड़की, पूरो की कहानी है, जिसका एक मुस्लिम आदमी रशीद ने अपहरण कर लिया। जब वो रशीद के घर से अपने माता-पिता के घर भागती है तो उसके माता-पिता उस लड़की को अशुद्ध/अपवित्र मानते हुए वापस लेने से इनकार करते हैं। पिंजर को भारत के विभाजन की पृष्ठभूमि के साथ लिखे गए सर्वश्रेष्ठ साहित्यों में से एक माना जाता है। पिंजर अमृता प्रीतम का लिखा नाटक भारत पाकिस्तान विभाजन की कहानी है जिसमें एक हिंदू लडकी का मुस्लिम लडके द्वारा अपरहण किया जाता है। मुख्य पात्र काजल मेहरा व शशांक जमलोकी है। साथ ही अंकूर पाण्डेय, आस्था गुसाईं, रोबिन असवाल, मुस्कान, रोहित सिह, मोहित नेगी, हसित गडिया आदि हैं। निदेशक शशांक जमलोकी, दिग्दर्शन उमंग खुगशाल है।

इस अवसर पर शैलनट नाट्य संस्था द्वारा ख्यातिप्राप्त रंगकर्मी मदन मोहन डंगवाल को उनके रंगमंच के क्षेत्र में योगदान के लिए सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि डीपी सकलानी, निदेशक चौरास परिसर, अति विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त प्रवीन कुमार थपलियाल, मुख्य वन संरक्षक हिमाचल प्रदेश रहे। इस अवसर पर प्रोफेसर डीआर पुरोहित, प्रोफेसर मोनिका गुप्ता, अजीम प्रेम जी फाउंडेशन के गढ़वाल प्रभारी जगमोहन कठैत, अभिषेक बहुगुणा, संजय पाण्डेय, महेश गिरि, पंकज नैथानी, हरीश पुरी, हेमंत उनियाल, हेम चन्द्र मंमगाई, अंकित रावत, लता तिवारी आदि उपस्थित रहे।