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देहरादून : प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बावजूद भी बाहरी राज्यों के रेड जोन से आने वाले प्रवासियों को राज्य की सीमा पर ही क्वारंटाइन करने को लेकर प्रदेश सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं। बतादें कि दो दिन पहले ही उत्तराखंड हाइकोर्ट ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों को गंभीरता से देखते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया था कि जितना सम्भव हो पाए उत्तराखंड में बाहरी राज्यों के रेड ज़ोन से आने वाले प्रवासियों को राज्य की सीमा पर ही संस्थागत क्वारंटाइन किया जाए। साथ ही उनकी कोरोना जांच भी सुनिश्चित करवाई जाए।

बृहस्पतिवार को कैबिनेट की बैठक में इस मुद्दे पर करीब डेढ़ घंटे तक  चर्चा के बाद शासकीय प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया इसमें व्यावहारिक व तकनीकी दिक्कतों आ रही हैं। उन्होंने बताया कि बाहरी राज्यों से करीब 6 हजार लोग प्रतिदिन प्रदेश में वापस आ रहे हैं। इसी तरह 10 दिनों में करीब 60 हजार लोगों को राज्य की सीमाओं पर क्वारंटीन में रखने के लिए ठहरने और खाने की व्यवस्था करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी। इसके अलावा आईसीएमआर ने रैपिड टेस्ट से मना किया है जबकि अदालत उसे करने को कह रही है। उन्होंने कहा कि सरकार हाईकोर्ट के समक्ष प्रदेश की स्थिति और केंद्र सरकार की ओर से जारी किए जा रहे दिशा निर्देशों पर अपना पक्ष रखेगी।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल कोरोना संक्रमित मरीजों में से 32 प्रतिशत संक्रमित मामले मरकज से आए हुए तथा 56 प्रतिशत मामले बाहरी राज्यों से आये प्रवासियों के हैं। बतादें कि गढ़वाल व कुमाऊं मंडल में पिछले दो दिन में कोरोना के 34 नए मरीज सामने आयें हैं. इनमे लगभग सभी लोग बाहरी राज्यों से यहाँ पहुंचे हैं.

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