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देहरादून : उत्तराखंड के लोक पर्व इगास पर कल मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने राज्य में अवकाश की घोषणा की थी। हालांकि इगास लोक पर्व 14 नवंबर यानी रविवार को होने के कारण छुट्टी पर सवाल उठे तो अब सरकार ने उसके एक दिन बाद यानी 15 नवंबर को इगास (बूढ़ी दिवाली) पर्व पर सार्वजनिक अवकाश का आदेश जारी कर दिया है।

सीएम धामी के निर्देश के बाद छुट्टी के आदेश आज (शुक्रवार) को सामान्य प्रशासन विभाग ने अवकाश के जारी किए हैं। बैंक, कोषागार, उप कोषागार को छोड़ कर शेष सभी स्कूलों , विभागों में 15 नवंबर (सोमवार) को अवकाश रहेगा। आदेश में साफ कहा गया कि बैंक, कोषागार व उप कोषागार को छोड़ कर राज्य में अवकाश रहेगा। इस बारे में सभी विभागों के अधिकारियों व जिलाधिकारियों को अवकाश की सूचना भेजी गई है।

400 साल पुरानी है इगास मानने की परंपरा

एक पौराणिक मान्यता के अनुसार करीब 400 साल पहले बीर भड़ माधो सिंह भंडारी के नेतृत्व में टिहरी, उत्तरकाशी, जौनसार और श्रीनगर समेत अन्य क्षेत्रों सेयोद्धाओं को बुलाकर सेना तैयार की गई थी और  तिब्बत पर हमला बोलते हुए  तिब्बत सीमा पर मुनारें गाड़ दी थी। इस दौरान बर्फ से पूरे रास्ते बंद हो गए। कहा जाता है कि पूरे गढ़वाल में उस साल दिवाली नहीं मनाई गई, लेकिन दीवाली के ग्यारह दिन बाद जब माधो सिंह युद्ध जीत कर वापस गढ़वाल पहुंचे तब पूरे इलाक़े के लोगों ने भव्य तरीक़े से दीवाली मनाई,  तबसे ही गढ़वाल में इसे कार्तिक माह की एकादशी यानी इगास बग्वाल के रूप में मनाया जाता है।

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