श्रीनगर गढ़वाल : सरकारी विद्यालयोँ में अध्ययनरत छात्रोँ के सन्दर्भ में अक्सर लोगोँ की यह धारणा देखने को मिलती है कि सरकारी विद्यालयोँ में पढने वाले छात्र अँग्रेजी में कमजोर रहने के कारण पिछड जाते हैं, लेकिन यह बात पूर्ण रुप से सच नही होती है। राजकीय इंटर कॉलेज सुमाड़ी में हिन्दी अध्यापक के पद पर कार्यरत शिक्षक अखिलेश चन्द्र चमोला प्रदेश के एसे शिक्षक हैं, जिन्होने सर्व प्रथम अपने सुपुत्र नितिन चमोला को प्राईवेट स्कूल से हटाकर सरकारी स्कूल में प्रवेश दिलाया। उसके बाद बालक ने केंद्रीय विश्व विद्यालय श्रीनगर से सर्वोच्च अँको में बीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर जैम आईआईटी प्रतियोगी परीक्षा में आँल इंडिया स्तर पर 142वीं रैंक हासिल करके नया कीर्तिमान स्थापित किया है। नितिन चमोला ने लोगों की इस आम धारणा को गलत साबित कर दिया है।