degree through DigiLocker

प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज विधानसभा स्थित कार्यालय में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में राज्य के समस्त विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में वाई-फाई सुविधा के लिए शासन स्तर पर अपर सचिव उच्च शिक्षा दीपेन्द्र चैधरी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी सत्र से विश्वविद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं को डिग्री एवं अंक पत्र सहित अन्य प्रमाण पत्र डिजी लॉकर यानी डिजिटल लॉकर के माध्यम से उपलब्ध कराये जायेंगे।

डा. रावत ने बताया कि यूजीसी के मानकों के अनुरूप सभी विश्वविद्यालयों को शीघ्र डिजी लॉकर व्यवस्था स्थापित करने के निर्देश दिये गये हैं। जिन में से उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय एवं कुमाऊं विश्वविद्यालय ने अपने यहां डिजी लॉकर व्यवस्था शुरू कर दी है। इसी क्रम में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय, दून विश्वविद्यालय एवं सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय को भी शीघ्र डिजी लॉकर व्यवस्था स्थापित कर आगामी सत्र से छात्र-छात्राओं को डिग्री सहित समस्त प्रमाण पत्र आॅन लाइन उपलब्घ कराने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अलावा राज्य के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में वाई-फाई सुविधा मुहैया कराने के लिए शासन स्तर पर अपर सचिव उच्च शिक्षा दीपेन्द्र चैधरी की अध्यक्षता में एक कमेठी का गठन किया गया है। जिसमें अपर सचिव एवं निदेशक आईटीडीए अरूणेन्द्र चैहान एनआईसी के वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी एनआईसी केंन्द्र सचिवालय एवं नोडल अधिकारी एडुसेट डा. विनोद कुमार को बतौर सदस्य नामित किया गया है। विभागीय मंत्री डा. रावत ने पूर्व में अधिकारियों को निर्देशित किया था कि नए शैक्षिक सत्र शुरू होने से पहले सभी महाविद्यालयों में शत प्रतिशत नेटवर्किंग के साथ वाई-फाई सुविधा उपलब्ध कराई जाय। जिसके क्रम में आतिथि तक 75 महाविद्यालयों में 4जी नेटवर्किंग सुविधा मुहैया कराई जा चुकी है, शेष महाविद्यालयों में कार्य प्रगति पर है। बैठक में अधिकारियों द्वारा बताया गया कि आतिथि तक राज्य के महाविद्यालयों की 11 हजार पुस्तकें ई-ग्रंथालय पर उपलब्ध करा दी गई है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा आनंद वर्द्धन, प्रमुख सचिव सूचना प्रौद्योगिकी आर.के. सुधांशु, निदेशक आईटीडीए ए.एस. चैहान, प्रभारी सचिव उच्च शिक्षा दीपेन्द्र चैधरी, अपर सचिव उच्च शिक्षा एम.एम. सेमवाल, उप सचिव उच्च शिक्षा शिवस्वरूप त्रिपाठी, पीएसए एनआईसी राकेश कुमार, मनीष कुमार वालिया, नोडल अधिकारी एडुसेट डा. विनोद कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

क्या है डिजी लॉकर (DigiLocker) तथा इसका उद्देश्य क्या है?

डिजीलॉकर (DigiLocker), एक भारतीय डिजिटलीकरण ऑनलाइन सेवा है जो इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अपनी डिजिटल भारत पहल के तहत प्रदान की जाती है। इंटरनेट आधारित इस सेवा के जरिये आप जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, शैक्षणिक प्रमाण पत्र जैसे अहम दस्तावेजों को ऑनलाइन रख सकते हैं। इसके लिए आपके पास आधार कार्ड होना चाहिए। आधार नंबर के इस्तेमाल से आप अपना डिजिटल लॉकर खोल सकते हैं।

डिजिटल लॉकर स्कीम का उद्देश्य दस्तावेजों के कागजी रूप को कम करना है। इसके अलावा इससे एजेंसियों के बीच ई-दस्तावेजों के आदान-प्रदान का चलन बढ़ाना भी एक मकसद है। इस सरकारी सुविधा का लाभ सिर्फ भारतीय नागरिक ही ले सके और जिसका भी खाता हो, उसके बारे में सभी जानकारी सरकार के पास हो।