देहरादून: परेड ग्राउण्ड देहरादून में प्रोग्रेसिव डेयरी फारमर्स एसोसिएशन (पीडीएफए) उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित प्रथम दून इंटरनेशनल डेयरी एवं कृषि एक्सपों-2018 का आज समापन हो गया। इस एक्सपों के अंतिम दिन समाज सेवी माताश्री मंगलाजी एवं भोलेजी महाराज ने सभी किसानों, पशुपालकों व डेयरी उद्योग से जुड़े प्रतिभागियों की प्रदर्शनियों का अवलोकन किया तथा उनका उत्साहवर्द्धन किया।
इस अवसर पर माताश्री मंगलाजी ने कहा कि आज इस मेले को देखकर मन खुश हो गया। मैं यहाँ आए सभी प्रतिभागियों को बधाई देना चाहूंगी कि उन्होंने हमारे वास्तविक जीवन परिवेश को यहां जीवंत बना दिया हैं और यह सब हमारे किसान ही कर सकते हैं। इसलिए मैं हमेशा कहती हूँ कि हमारे किसान जितने ज्यादा मजबूत होंगे, उतना ही ज्यादा हमारा देश मजबूत होगा।
माता मंगला जी ने कहा कि आज जब हमने इस अंतरराष्ट्रीय पशु एवं कृषि मेले का भ्रमण किया तो यह देखकर खुशी हुई कि यहाँ हमें हरियाणा से आए रुस्तम व सुल्तान भैंसा, लाडो भैंस, होलिस्टीयन फ्रीजन, बद्री, गिर प्रजाति की गायों के बारे में भी जानकारी मिली यह बहुत ही सुखद है। इस सुंदर आयोजन के लिए मैं इस अंतरराष्ट्रीय मेल के आयोजकों को बधाई देती हूँ।
तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय पशु एवं कृषि मेले में आए लोगों को संबोधित करते हुए माताश्री मंगलाजी ने बताया कि हम किसानों को प्राकृतिक तरीके से जोड़ कर खाद बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे है। जिसका एक सफल परिणाम है शिवंश खाद, शिवंश खाद एक मुफ्त मे बनने वाली खाद है जो बंजर ज़मीन को लहलहाते खेत में बदल देती है, जिससे किसानों की रसायनों पर निर्भरता कम हो जाती है और उनका मुनाफा बढ़ जाता है। शिवंश खाद जो कुछ भी खेतों में बची हुई सामग्री होती है—सूखे पत्ते, ताजा घास, फसल के अवशेष, गोबर उन्हें इकठ्ठा कर के एक ढेर में डाल कर बनाया जाता है। हर दूसरे दिन ढेर को पलटने के अलावा सारे काम प्रकृति खुद कर देती है। 18 दिनों के बाद हमें मिलती है सूक्ष्मजीवों से भरी हुई एक पोषक खाद। शिवंश खाद का खेतों में इस्तेमाल पहले सीज़न में ही बंजर मिट्टी को फिर से जीवित कर देता है। शिवंश खाद दुनिया भर के किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है। यह हमारा सौभाग्य है कि हम अपने किसान भाईयों के लिए यह सब कर पा रहे हैं।
देहरादून के परेड ग्राउण्ड में प्रोग्रेसिव डेयरी फारमर्स एसोसिएशन (पीडीएफए) उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित प्रथम दून इंटरनेशनल डेयरी एवं कृषि एक्सपों-2018 में नामी कंपनियों की ओर से मावा बनाने, पनीर बनाने, गायों व भैंस का दूध निकालने वाली मशीनों के साथ कई अत्याधुनिक मशीनों के स्टाल लगाए गए। इस मेले में कई देशी-विदेशी कंपनियों के भी ऐसे स्टाल लगाए, जिनमें पशुओं के आहार से लेकर उन्हें होने वाली बीमारियों से बचाव की दवाइयां मुहैया गई । जिसका उद्घाटन मुख्य मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था।
अंतरराष्ट्रीय पशु एवं कृषि मेले में ऐसी मिल्क मशीन का डिस्प्ले किया गया था। जिससे आठ पशुओें का दूध एक साथ निकाला जा सकता है। इस मशीन से यह भी जानकारी मिलती है कि किस पशु ने कितना दूध दिया है। साथ ही मशीन दूध को पाउच में भी पैक कर देती है।
आज के समापन समारोह में माताश्री मंगलाजी एवं भोलेजी महाराज जी के साथ उत्तरकाशी पुरोला के विधायक राजकुमार,भगवानपुर से विधायक ममता राकेश, टीएचडीसी के जरनल मेनेजर, प्रोग्रेसिव डेयरी फारमर्स एसोसिएशन से डाक्टर हरेंद्र,प्रोग्रेसिव डेयरी फारमर्स एसोसिएशन उत्तराखंड गोशाला के प्रभारी देवेंद्र सिंह नेगी,
और हंस कल्चर सेंटर के प्रतिनिधि प्रदीप राणा और सत्यपाल सिंह नेगी सहित देश-विदेश से आए प्रतिभागी भी मौजूद थे।
जगमोहन ‘आज़ाद’