Teacher Chamola honored with Gyannotkarsh Akademi Ratna Award

श्रीनगर गढ़वाल : हम किसी कार्य को सच्ची निष्टा व समर्पण के साथ करते हैं तो उसका निश्चित ही पारितोषिक मिलता है। कोई भी जनहित मेँ किया गया कार्य व्यर्थ नहीं जाता है। इस तरह का उदाहरण राइका सुमाडी, विकासखन्ड खिर्सू मे कार्यरत हिन्दी अध्यापक अखिलेश चन्द्र चमोला ने कर दिखाया। विगत कोरोना काल मे लॉकडाउन लगने पर अपने ऑनलाइन अध्यापन कार्य करने के साथ ही छात्रोँ तथा अभिभावकोँ का मार्ग दर्शन करने के लिये शैक्षिक नवाचार एवं क्रियात्मक शोध नामक पुस्तक लिखी। पुस्तक प्रकाशित होने पर पुस्तक की 1000 से अधिक प्रतियाँ विभिन्न विद्यालयोँ मे जा करके बच्चोँ को निशुल्क वितरित की। इस पुस्तक की जन प्रतिनिधियोँ तथा विभागीय अधिकारियोँ द्वारा मुक्त कँठ से प्रशँसा की ग्ई।

चमोला द्वारा लिखी पुस्तक शैक्षिक नवाचार एवं क्रियात्मक शोध का सँज्ञान लेते हुये  ज्ञानोत्कर्ष अकादमी भारत द्वारा ऑनलाइन वर्चुवल आयोजित कार्यक्रम मे देश के नामीचीन लेखको के साथ ही उत्तराखन्ड से हिन्दी अध्यापक अखिलेश चन्द्र चमोला को ज्ञानोत्कर्ष अकादमी रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया।

आयोजित कार्यक्रम मे अकादमी परिषद ने चमोला के द्वारा किये जा रहे सृजनात्मकता की प्रशँसा करते हुये कहा है कि अपने अध्यापन कार्य के साथ ही भावी पीढी के सन्दर्भ मे इस तरह के सुझाव देते हुये अभिभावकोँ का मार्ग दर्शन करना अनुकरणीय पहल को दर्शाता है। इस तरह का साहित्य सृजन करना उत्कृष्ट श्रेणी मेँ आता है। भावी पीढी मेँ आदर्श सँस्कारो को समाहित करने का प्रयास करना महत्वपूर्ण कार्य है। भावी पीढी ही राष्ट की बहुमूल्य धरोहर है।

विदित हो कि चमोला कई वर्षोँ से भावी पीढी के सन्दर्भ मेँ अतुलनीय कार्य कर रहे हैं। हजारोँ युवाओँ को नशे से दूर रहने के लिये सँकल्प पत्र के साथ ही प्रतिज्ञा भी दिलवा चुके हैं। ग्रामीण आँचलिक मेँ अध्ययन रत छात्र छात्राओँ को प्रोत्साहित करने हेतु उन्हेँ निजी व्यय पर सम्मानित करते रहते हैं।

चमोला की पुस्तक शैक्षिक नवाचार क्रियात्मक शोध के सम्मानित होने की खबर सुनने पर जनपद पौडी के मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन सिँह रावत ने कहा कि इस पुस्तक का अवलोकन मेरे द्वारा भी किया गया है। पुस्तक छात्रोँ के साथ ही अभिभावकोँ के लिये भी बहुउपयोगी है। राष्टीय स्तर पर पुरस्कार के लिये पुस्तक का चयन होना पूरे उत्तराखन्ड तथा जनपद पौडी के गौरव को दर्शाता है। पुस्तक के लेखक चमोला ने अकादमी द्वारा पुस्तक को पुरस्कृत करने पर अकादमी का आभार जताते हुये कहा कि आकादमी ने जिन मूल्योँ के आधार पर पुस्तक का चयन किया है, मेरा प्रयास है कि मैँ भावी पीढी के मार्ग दर्शन के लिये समर्पित रहूँगा।इस सम्मान से सम्मानित होने की सूचना पर शिक्षकोँ तथा अभिभावकोँ ने चमोला को बधाई देते हुये छात्रोपयोगी कार्योँ की सराहना की।