पहाड़ से पलायन करने वालों को आईना दिखाते शिक्षक सीएल चौधरी

पौड़ी: यूं तो 31 मार्च को उत्तराखंड में बहुत सरकारी कर्मचारी, अधिकारी एवं शिक्षकगण सेवानिवृत्त हुए होंगे। जहां सेवानिवृत्त होने से पहले कर्मचारीगण अधिकारी और शिक्षकगण बाकी जिंदगी बसर करने के लिए देहरादून, रामनगर, ऋषिकेश, दिल्ली एनसीआर में आशियाना बना रहे है। लेकिन एक ऐसे शिक्षक भी हैं जो मैदानी मूल उत्तर प्रदेश कानपुर शहर के रहने वाले है। और सेवानिवृत्ति के बाद अपने गृह जनपद कानपुर जाने की जगह उत्तराखंड देवभूमि में ही रहेंगे। जी हां हम बात कर रहे जनपद पौड़ी के विकासखंड कल्जीखाल के राइका पुरियाडांग विद्यालय में 28 सालों से एक व्यायाम शिक्षक सीएल चौधरी की जो कल यानी 31 मार्च को सेवानिवृत हुए हैं। शिक्षक सीएल चौधरी विद्यालय के नजदीक किराये के मकान पर रहते थे। सबसे अहम बात यह है कि वह रिटायर्ड होने के बाद भी बाकी का जीवन उत्तराखंड में विद्यालय के नजदीक ही व्यतीत करेंगे। इसके लिए उन्होंने पड़ोस में स्थायी आशियाने का इंतजाम कर लिया है। वह अपना रिटायरमेंट का जीवन भी पहाड़ में ही व्यतीत करेंगे। जहा उन्होंने तीन दशक तक सेवाए दी। और तो और उन्होंने विदाई समारोह में यह भी एलान कर दिया कि यदि विद्यालय में कभी भी उनकी आवश्यकता होगी तो हर पल हाजिर हो जाएंगे। हृदय संबधी कुछ दिक्कतों के बावजूद उन्होंने कानपुर जैसे सुविधायुक्त महानगर को छोड़कर ऐसे स्थान पर रहने का फैसला किया जहां मेडिकल की उचित सुविधाएं तक नही हैं। रिटायर्ड शिक्षक सीएल चौधरी के इस फैसले ने पहाड़ों से पलायन कर रहे लोगो को आइना दिखाने का काम किया है।

पौड़ी गढ़वाल के विकासखंड कल्जीखाल से जगमोहन डांगी की रिपोर्ट