transfer act in Uttarakhand

राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में तबादला सत्र शून्य किये जाने से नाराज राज्य के शिक्षकों ने सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ दिया है। शिक्षक मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को संबोधित करते हुए सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट कर रहे हैं। इसमें मांग की जा रही है कि तबादला सत्र को शून्य करने का फैसला वापस लिया जाए। और सभी श्रेणियों में शत-प्रतिशत तबादले किए जाएं। पोस्ट में शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने जन भावनाओं का सम्मान करते हुए उत्तराखंड में 4 साल पहले तबादला एक्ट लागू किया था। लेकिन अब तक इसे समग्र रूप से लागू नहीं किया गया है। उत्तराखंड जैसी भौगोलिक परिस्थिति वाले राज्य में इसे लागू करना लोक हितकारी और न्याय पूर्ण कार्य होगा। विशेषकर शिक्षा विभाग के संदर्भ में इसे लागू करना शिक्षा, शिक्षार्थी और शिक्षकों के हित में है, निर्मला जोशी, उमानंद जोशी, नरेश जमलोकी, पान सिंह मेहता, चंदन बिष्ट, शरद दीक्षित, दीपक चंद बिष्ट, योगेश चंद्र जोशी, दिनेश जोशी समेत कई शिक्षक तबादला एक्ट को लेकर सक्रिय हैं। राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल किशोर का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों में ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। कोई गाइडलाइन के तहत ट्रांसफर भी अन्य कार्यों की तरह करना सक्षम तंत्र के लिए सदा संभव है। कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शिक्षकों ने सूचना तकनीक का सहारा लिया है। बड़ी संख्या में शिक्षक दुर्गम क्षेत्रों में वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं। उन्हें शुगम में तबादले का अवसर अवश्य मिलना चाहिए। इसीलिए शिक्षकों ने यह अभियान शुरू किया है।