पौड़ी : प्रदेश सरकार के प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती के निर्णय से आक्रोशित शिक्षकों रविवार को राजकीय शिक्षक संघ के बैनर तले द्वारा पौड़ी एवं कोटद्वार में सांकेतिक धरना दिया गया। संघ से जुड़े शिक्षकों ने कहा कि यदि जल्द ही यह प्रस्ताव वापस नहीं लिए जाने पर बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन के बहिष्कार किया जाएगा।
पौड़ी में डीएम कार्यालय के बाहर धरना
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज राजकीय शिक्षक संघ के पदाधिकारी व सदस्य पौड़ी में डीएम कार्यालय के बाहर हेमवती नंदन बहुगुणा की मूर्ति स्थल के बाहर एकत्र हुए। जहाँ संघ के पदाधिकारियों व सदस्यों ने सांकेतिक धरना देते हुए सरकार से प्रधानाचार्य सीधी भर्ती का प्रस्ताव निरस्त करने की मांग उठाई।
इस दौरान संघ के जिलाध्यक्ष बलराज सिंह गुंसाई, जिलामहामंत्री बिजेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि राजकीय इंटरमीडिएट कालेजों में अभी तक प्रधानाचार्य का पद शत-प्रतिशत पदोन्नति का रहा है। जिसमें एलटी और प्रवक्ता दोनो संवर्ग के शिक्षकों का कोटा निर्धारित है लेकिन माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सरकार को 693 प्रधानाचार्य के पदों को सीधी भर्ती से भरने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है।
उन्होंने कहा कि यह लंबे समय से पदोन्नति की राह देख रहे वरिष्ठ शिक्षकों के साथ अन्यायपूर्ण है। शिक्षक पदोन्नति न होने से जिस पद पर सेवा में आए थे उसी पद से सेवानिवृत्त हो रहे है। कहा कि प्रधानाचार्य के पदों को सीधी भर्ती से करने पर शिक्षक बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन बहिष्कार के लिए बाधित होंगे। धरने में राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व जिलाध्यक्ष जयदीप रावत, पूर्व मंडलीय मंत्री शिव सिंह नेगी,जसपाल गुसाईं, खिर्सु ब्लॉक अध्यक्ष जयकृत भंडारी, विजय चौहान, मेहरबान सिंह भंडारी, केशर सिंह असवाल, भवान सिंह नेगी आदि शामिल थे।
कोटद्वार में खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर सांकेतिक धरना दिया
प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती का विरोध ने आज राजकीय शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षकों ने खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर सांकेतिक धरना दिया। इस मौके पर आक्रोशित शिक्षकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने शीघ्र ही इस निर्णय को वापस न लिया तो वे बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का बहिष्कार करेंगे।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार राजकीय विद्यालयों में रिक्त पड़े प्रधानाचार्य के पदों पर सीधी भर्ती का मन बना चुकी है, जबकि इन पदों को शिक्षकों की पदोन्नति से भरा जाना चाहिए था। वहीं शिक्षक जिस पद पर नियुक्त हो रहे हैं, उसी पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जो उनके साथ अन्याय है। इस मौके पर तय किया गया कि समस्त विद्यालयों से प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती के विरोध में शासन को ज्ञापन प्रेषित किए जायेंगे।
धरने में शिक्षक मनमोहन चौहान, पद्मेश बुड़ाकोटी, डबल सिंह रावत, पंकज ध्यानी, राजेश भट्ट, कवींद्र उनियाल, भारत सिंह नेगी, रेणु गौड़, सुमनलता रावत, शिल्पी नेगी, राजेंद्र भंडारी और पवन भारद्वाज सहित कई शामिल रहे।