Chalk Down Strike: राजकीय इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती निरस्त करवाने एवं शत प्रतिशत पदोन्नति की मांग को लेकर आज राजकीय शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी के आवाहन पर प्रदेशभर के राजकीय हाईस्कूलों और राजकीय इंटर कॉलेजों में शिक्षकों ने चॉक डाउन हड़ताल कर अपना विरोध जताया. शिक्षकों का कहना है कि सरकार इस पर ठोस निर्णय नही लेती है तो संघ आन्दोलन को जारी रखेगा और आगामी 5 सितंबर शिक्षक दिवस पर शिक्षक दिवस न मनाते हुए काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज काया जायेगा। 6 सितंबर को जनपद के सभी शिक्षक आकस्मिक अवकाश लेकर मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय रुद्रप्रयाग में धरना देंगे। 9 सितंबर को निदेशालय में मण्डल व प्रान्त के निर्वाचित व मनोनीत पदाधिकारी धरना देंगे और 10 सितंबर से देहरादून में क्रमिक अनशन प्रारम्भ कर दिया जायेगा जिसमें जनपद देहरादून, नैनीताल के साथ रुद्रप्रयाग के शिक्षक भी प्रतिभाग करेंगे। 14 सितंबर से देहरादून में आमरण अनशन प्रारम्भ किया जायेगा।

पौड़ी जनपद के सभी 305 विद्यालयों में सफल रहा चॉक डाउन कार्यक्रम

जिलाध्यक्ष बलराज गुसाईं एवं जिला मंत्री विजेंद्र बिष्ट ने बताया कि प्रांतीय कार्यकारणी रा शि संघ उत्तराखंड के आह्वान पर चॉक डाउन कार्यक्रम जनपद पौड़ी के 15 ब्लॉक की सभी 305 शाखाओं में सफल रहा। उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य सीधी भर्ती को हर हाल में निरस्त करवाना होगा।  इसके लिए हमें आगे आने वाले संघर्ष को तैयार रहना होगा। सर्वप्रथम 6 सितंबर को हमें तय करना हैं कि हमें वरिष्ठता आधारित पदोन्नति चाहिए या सीधी भर्ती। यदि वरिष्ठता आधारित पदोन्नति हमें चाहिए तो आगामी 6 सितंबर को हमें जनपद मुख्यालय पौड़ी में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर अपने हितों को सुरक्षित करना होगा।

रुद्रप्रयाग में 108 माध्यमिक विद्यालयों में रही चॉक डाउन हड़ताल

रुद्रप्रयाग में प्रधानाचार्य सीधी भर्ती के विरोध में 108 माध्यमिक विद्यालयों में चॉक डाउन हड़ताल रही। शिक्षकों के कार्य बहिष्कार के कारण विद्यालय में शिक्षण कार्य नहीं हो पाया। रुद्रप्रयाग जिले में राजकीय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नरेश भट्ट और जिला महामंत्री आलोक रौथाण के नेतृत्व में शिक्षकों ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती निरस्त करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौपा। राजकीय शिक्षक संघ के जिला महामंत्री आलोक रौथाण ने बताया कि प्रधानाचार्य सीमित विभागीय सीधी भर्ती परीक्षा को निरस्त करने एवं सभी स्तरों की शत प्रतिशत पद्दोन्नति के सम्बन्ध में सरकार एवं विभाग के साथ कई दौर की वार्ताओं के बाद भी सकारात्मक परिणाम प्राप्त नहीं हुए हैं। इस कारण सरकार और विभाग के खिलाफ आंदोलन का किया जा रहा है। प्रांतीय कार्यकारिणी के आवाहन पर आज रुद्रप्रयाग जनपद के 108 विद्यालयी में चॉक डाउन कर शिक्षण कार्य का पूर्ण बहिष्कार किया गया।

रुद्रपुर में 124 माध्यमिक विद्यालयों में रही चॉक डाउन हड़ताल

रुद्रपुर में राजकीय शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी के आवाहन पर प्रधानाचार्य सीधी भर्ती के विरोध में 124 माध्यमिक विद्यालयों में चॉक डाउन हड़ताल रही। शिक्षकों के कार्य बहिष्कार के कारण विद्यालय में शिक्षण कार्य नहीं हो पाया। जिले में राजकीय शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा के नेतृत्व में जीआईसी बागवाला में शिक्षकों ने धरना देकर प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती निरस्त करने की मांग को लेकर नारेबाजी की।

हरिद्वार में सीधी भर्ती के विरोध में 103 स्कूलों में 850 शिक्षक ने किया चॉक डॉउन

प्रधानाचार्य पद पर सीधी भर्ती के विरोध में सोमवार को जिले के 103 राजकीय हाईस्कूलों और राजकीय इंटर कॉलेजों में 850 शिक्षकों ने चॉक डॉउन किया। चॉक डॉउन के दौरान शिक्षक कार्य बहिष्कार पर रहे। इस दौरान शिक्षकों ने प्रधानाचार्य पद के लिए सीधी भर्ती परीक्षा को निरस्त नहीं करने पर सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है। राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर सीधी भर्ती के विरोध में शिक्षकों ने कार्य बहिष्कार किया। राजकीय शिक्षक संघ हरिद्वार शाखा के जिलाध्यक्ष हरेंद्र सैनी ने कहा कि शिक्षा विभाग और राज्य सरकार की सोच शिक्षक विरोधी है। सरकार शिक्षकों को प्रताड़ित करने का प्रयास कर रही है।

चंपावत जिले में प्रधानाचार्य सीधी भर्ती के विरोध में चॉक डाउन के साथ शिक्षकों ने किया आंदोलन

चंपावत जिले में प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती के विरोध में शिक्षकों का आंदोलन तेज होने लगा है। सोमवार को प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती का विरोध करते हुए शिक्षकों ने राजकीय शिक्षक संघ जिला अध्यक्ष जगदीश अधिकारी व जिला मंत्री इंदुवर जोशी के नेतृत्व में चंपावत जिले में चॉक डाउन कर दिया है। इस दौरान शिक्षकों ने शैक्षिक व अन्य कार्यों को पूरी तरह ठप कर दिया और सरकार से प्रधानाचार्य सीधी भर्ती के आदेश को रद्द करने की मांग की। इस कारण चोक डाउन से शिक्षण कार्य पूरी तरह प्रभावित हो गए हैं।