उत्तरकाशी: कलस्टर विद्यालयों में अन्य स्कूलों को मर्ज करने का विरोध जोर पकड़ने लगा है। राजकीय शिक्षक संघ जनपद शाखा उत्तरकाशी द्वारा मुखर होकर कलस्टर विद्यालय योजना का विरोध करते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी के माध्यम से निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) को ज्ञापन भेजा है.
रा.शि. संघ उत्तरकाशी के जिलाध्यक्ष अतोल सिंह महर और जिलामंत्री बलवंत सिंह असवाल ने कहा कि कलस्टर विद्यालय योजना किसी भी रूप में राजकीय विद्यालयों एवं विद्यालयी शिक्षा के उन्नयन और शिक्षा के सार्वभौमिकीकरण में सार्थक प्रतीत नहीं होती है।
बताया कि उत्तरकाशी जैसे विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले जनपदों में आजकल बरसात के सीजन में बदहाल सड़क मार्गों से छोटे-2 बच्चों को अपने घरों से कई किलोमीटर दूर तक बस, टैक्सी आदि की यात्रा करते हुए कलस्टर विद्यालयों में अध्ययन हेतु निर्भर होना होगा। इसके इतर अनेक विद्यालयों की कलस्टर विद्यालयों से दूरी को भी प्रमाणिक रूप से सही नहीं दर्शाया गया है। जनपद के अनेक विद्यालयों की, उनके निकटम कलस्टर विद्यालयों से दूरी लगभग 25 से 28 किलोमीटर तक भी है। जिससे आवागमन में छात्र छात्राओं को धरातलीय असुविधा और जोख़िम का सामना करना होगा।
कहा कि राजकीय शिक्षक संघ जनपद शाखा उत्तरकाशी निरंतर संवेदनशील होकर विविध माध्यमों से अपने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, विभागीय अधिकारियों एवं राजकीय शिक्षक संगठन के अपने शीर्षस्थ पदाधिकारियों को, निरंतर कलस्टर विद्यालय योजना के दूरगामी परिणाम से अवगत करवाने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही अब अनेकों विद्यालयों हेतु स्थानीय लोगों द्वारा भी विद्यालयों को गांवों से अन्यत्र शिफ्ट करवाए जाने पर, कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए, कलस्टर विद्यालय योजना का स्थानीय स्तर पर पूर्ण विरोध किया जा रहा है। जो इस योजना की गंभीरता पर प्रश्नचिन्ह उत्पन्न करता है।
कहा कि यदि सरकार और विभाग कुछ बेहतर करने हेतु संकल्पित है, तो वे कलस्टर विद्यालयों के साथ ही, गांव के विद्यालयों को भी संसाधनों और सुविधाओं से परिपूर्ण बनाते हुए शैक्षिक उन्नयन हेतु प्रयासरत हो सकते हैं।
वर्तमान में जनपद उत्तरकाशी के अंतर्गत लगभग 31 राजकीय विद्यालयों को कलस्टर विद्यालय योजना के अंतर्गत लाने का कार्य हो रहा है. जिसमें जनपद के लगभग 92 राजकीय विद्यालय पूर्ण रूप से प्रभावित हो रहे हैं। जबकि माध्यमिक स्तर पर वर्तमान में केवल 127 राजकीय विद्यालय (52 हाईस्कूल स्तर, 75 इंटर कालेज) ही संचालित हैं। जिससे सरकारी विद्यालयों के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न होने की संभावना है।
राजकीय शिक्षक संघ पौड़ी ने क्लस्टर स्कूलों के विरोध में दी आंदोलन तेज करने की चेतावनी
राजकीय शिक्षक संघ पौड़ी ने क्लस्टर विद्यालयों का विरोध शुरू कर दिया है। संघ ने प्रांतीय कार्यकारिणी को पत्र भेजकर इसका विरोध किया है। संघ के संघ के जिलाध्यक्ष बलराज सिंह गुसाईं और जिलामंत्री बिजेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए राजकीय शिक्षक संघ क्लस्टर विद्यालयों का विरोध कर रहा है। कहा कि इन विद्यालयों के खुलने से प्रदेश में सरकारी माध्यमिक विद्यालयों की संख्या 1552 से घटकर मात्र 559 रह जाएगी। कहा कि पहाड़ों में गाड़ी की उपलब्धता हर समय नहीं रहती जिससे विद्यार्थी समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाएंगे। इसके साथ ही गांव से दूर विद्यालय जाने में जंगली जानवरों का भाई भी बना योगा और स्कूल तक पहुंचने के ही मानसिक तनाव से छात्र-छात्राओं का पठन-पाठन भी बाधित होगा। जिलाध्यक्ष बलराज सिंह गुसांई ने क्लस्टर विद्यालयों खुलने का विरोध करते हुए कहा कि इन विद्यालयों के खुलने से छात्र-छात्राओं को अपने घर से दूर स्कूल जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगाद। उन्होंने प्रदेश के सभी अभिभावक संघ व स्कूल प्रबंधन कमेटी के सदस्यों से प्रस्ताव पास कर शासन प्रशासन से क्लस्टर स्कूल खोलने संबंधी सरकार के निर्णय को वापिस लेने का आग्रह भी किया है।