सतपुली : कोरोना महामारी में अपने घर वापसी की छूट मिलते ही विभिन्न राज्यों में रोजगार के लिए गये युवा अपने गांव लौट रहे हैं। भारत सरकार के निर्देशानुसार विभिन्न प्रदेशों एवं जिलों से आए लोगों को 14 दिन के लिए संस्थागत व होम क्वारंटाइन रहना अति आवश्यक है। पौड़ी गढ़वाल के विकासखंड बीरोंखाल के ग्राम सुकई में अभी तक कुल 44 प्रवासी अपने गांव लौट चुके है। गांव पहुँचे प्रवासियों में से 11 को प्राथमिक विद्यालय सुकई में तथा 19 को गांव के एकांत में दो खाली मकानों में क्वारंटाइन किया गया है। जब गांव में प्रवासियों के रहने की जगह नही बची तो ग्राम सभा की ग्राम प्रधान धनेश्वरी देवी के पति सन्दीप ने गाँव के खाली पड़े बंजर खेतों में स्वयं के खर्च से टेन्ट हाउस बनाकर लगवाये हैं। जिसमें 09 प्रवासियों को क्वारंटाइन किया गया है। यहाँ लाइट, पानी व शौचालय की व्यवस्था भी की गयी है।
 
 
क्वारंटाइन में रह रहे एक प्रवासी भाई ने बताया कि रोजगार के लिए मैं गाँव से बाहर जाकर दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता हूँ। कोरोना महामारी के कारण हमें अपने गांव लौटना पड़ा। यहाँ पर ग्राम प्रधान के द्वारा हमें क्वारंटाइन में रहने के लिए टेन्ट में ही घर जैसी सारी सुविधायें दी गयी हैं। जहाँ पर हम स्वयं ही अपना भोजन बनाते है जिससे कि गांव के लोग भी सुरक्षित रहें।
ग्राम प्रधान धनेश्वरी देवी का कहना है कि सभी लोग क्वारंटाइन का अच्छे से पालन कर रहे हैं। जिसका एक प्रत्यक्ष उदाहरण है विगत दो दिन पहले क्वारंटाइन में रह रहे अमर सिंह के 75 वर्षीय पिता आनंद सिंह की गांव में ही मृत्यु हो गयी थी, लेकिन क्वारंटाइन में रहने के कारण अमर सिंह अपने पिता को मुखाग्नि नहीं दे सके और चचेरे भाई यशपाल में अपने चाचा को मुखाग्नि दी।
बीरौंखाल से देवभूमि संवाद के लिए मनीष खुगशाल स्वतन्त्र की रिपोर्ट।
 
 