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श्रीनगर गढ़वाल : नगर पालिका सभागार में रविवार को गढवाली कवयित्रियों की रचनाओं के पहले वृहद कविता संकनल “आखर” का लोकापर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित नगर पालिका अध्यक्ष पूनम तिवाड़ी, कार्यक्रम अध्यक्ष प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल, वरिष्ठ कवयित्री उमा घिल्डियाल और डॉ. कविता भट्ट द्वारा गढवाली कवयित्रियों के ऐतिहासिक वृहद संग्रह “आखर” का लोकापर्ण किया गया। उल्लेखनीय है कि गढवाली कवयित्रियों की रचनाओं के पहले वृहद कविता संकनल “आखर” का संपादन “आखर” समिति के संस्थापक, शिक्षक गढ़वाली साहित्यकार संदीप रावत एवं सूरत (गुजरात) में रहने वाले युवा साहित्यकार, भू-भौतिकविद गीतेश सिंह नेगी द्वारा किया गया है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष पूनम तिवाडी ने कहा कि पहाड़ की कवयित्रियों के इस पहले कविता संग्रह का लोकापर्ण करते हुये उन्हें बेहद खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि सम्पादकों ने गढ़वाली कवयित्रियों की कविताओं का पहली बार संकलन कर एक महत्वपूर्ण पहल की है। यह कविता संग्रह अन्य महिलाओं को भी लेखन के प्रति आकृषित करेगा। वहीँ कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. सुरेखा डंगवाल ने कहा कि यहां की महिलाओं की सृजनशीलता का “आखर” रूप में पहला वृहद संकलन प्रकाशित करना बेहद महत्वपूर्ण कार्य है। जो गढवाली भाषा साहित्य में महिलाओं की भूमिका के रूप में मील का पत्थर साबित हो सकता है।गढ़वाली कविता संग्रह आखर

वरिष्ठ कवयित्री उमा घिल्डियाल और डॉ. कविता भट्ट ने गढ़ कवयित्रियों की रचनाओं के इस पहले वृहद संकलन की पूर्ण जानकारी श्रोताओं के समक्ष रखते हुए कहा कि सम्पादकों ने इस ऐतिहासिक वृहद संग्रह को गढ़वाली की पहली कवयित्री एवं प्रख्यात समाज सेविका स्व. विद्यावती डोभाल को समर्पित किया है। स्व. विद्यावती डोभाल से लेकर वर्तमान में गढ़वाली कविता के क्षेत्र जितनी भी महिलाएं कलमरत् हैं इस “आखर” संग्रह में संकलित हैं। नई पीढ़ी अर्थात स्कूल/कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं की गढ़वाली कविताओं को भी गढ़वाली कवयित्रियों की रचनाओं के इस वृहद संग्रह “आखर” में शामिल किया गया है।

इस अवसर पर कविता संग्रह “आखर” के सम्पादक संदीप रावत ने कहा कि गढ़वाली साहित्य में महिलाओं की रचनाओं का यह पहला वृहद कविता संग्रह “आखर” एक नई शुरुआत है. उन्होंने विश्वास जताया कि इसके बाद न सिर्फ गढ़वाली कविता क्षेत्र में बल्कि अन्य विधाओं में भी दिसा-धियाण्यूं के सृजन पर केन्द्रित साहित्यिक कार्य होंगे और उन पर गम्भीरता से विचार होगा। अगर ऐसे ही सकारात्मक कार्य होंगे तो हम अपनी इस नई एवं ऐतिहासिक पहल को सफल व सार्थक समझेंगे। इस मौके पर संदीप रावत ने ‘आखर’ के प्रकाशक, रावत डिजिटल के अनूप सिंह रावत का, इस आयोजन को सफल बनाने वालों एवं इस आयोजन में शामिल होने वाले श्रीनगर के सभी गणमान्य जनों व मीडिया जगत का भी आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका, कवयित्री और गायिका बबीता थपलियाल ने किया। आयोजन में शामिल सभी अतिथियों का स्वागत रेखा चमोली ने अपने स्वागत भाषण से किया। इस लोकार्पण कार्यक्रम में श्रीनगर के तहसीलदार एवं कवि सुनील राज, आरती पुण्डीर, अंजना घिल्डियाल, सभासद विनोद मैठाणी,  रेखा चमोली, रेखा रावत,  संगीता फरासी, अनिता काला, राधा मैंदोली,  उपासना कर्नाटक, सायिनी उनियाल, प्रियंका नेगी, डी.पीखंडूड़ी, डॉ. अरुण कुकसाल, दीवान सिंह मेवाड़, प्रसिद्ध कवि जय कृष्ण पैन्यूली,  देवेन्द्र उनियाल, बृजमोहन सजवाण, पूर्व प्रधानाचार्य ताजबर सिंह नेगी, सत्यजीत खंडूड़ी, शिक्षक एवं  रा.शि.संघ के पूर्व मण्डलीय अध्यक्ष शिव सिंह नेगी, मुकेश काला, विजय मेवाड़, सुधीर भट्ट,  कृष्ण उनियाल आदि गणमान्य लोग शामिल हुए।