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रायवाला : हरियाली एवं खुशहाली का प्रतीक “हरेला पर्व” एक ओर जहाँ मानव को एक सूत्र में बन्धने की प्रेरणा देता है वही यह पर्व प्राकृतिक सन्तुलन बनाये रखने के प्रति जन-जन को योगदान देने के हेतु संचेतना का संचार करता है। “हरेला पर्व” के अवसर पर गुरुवार को राजकीय इंटर कालेज हरिपुरकला में “एक पौधा-मेरा पौधा” थीम पर आधारित पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। “एक पौधा-मेरा पौधा” थीम के साथ प्रधानाचार्य सहित कर्मचारी व ‘शिक्षकों ने अपना पौधा साथ लेकर विदयालय में आम, लीची और पपीता आदि फलदार पेड़ों के पौधों का किया।

इस मौके पर विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. अजय शेखर बहुगुणा ने बताया कि हरेला पर्व के लिये नौ दिन पहले घरों में पूजा स्थान में किसी जगह मिट्टी बिछाकर सात प्रकार के बीज जैसे- गेंहूं, जौ, मूंग, उड़द, भुट्टा, गहत, सरसों आदि बोते हैं। और नौ दिनों तक उसमें जल आदि डालते हैं। बीज अंकुरित हो बढ़ने लगते हैं।

हर दिन सांकेतिक रूप से इनकी गुड़ाई भी की जाती है और हरेले के दिन कटाई। पूजा, नैवेद्य, आरती आदि का विधान भी होता है। इस अवसर पर घरों में कई तरह के पकवान बनते हैं।

हरेला शब्द की उत्पत्ति हरियाली से हुई है। हरियाली जीवन और खुशियों का प्रतीक होती है। इस दिन सुबह से लोग अपने से छोटों को आशीर्वाद देते हैं। पूरा परिवार द्वारा एक होकर इस मौके पर दीर्घायु, बुद्धिमान और शक्तिमान होने का आशीर्वाद और शुभकामना से ओतप्रोत लोकगीत गाया जाता है…

“जी रया जागि रया आकाश जस उच्च,
धरती जस चाकव है जया स्यावै क जस बुद्धि,
सूरज जस तराण है जौ सिल पिसी भात खाया,
जाँठि टेकि भैर जया दूब जस फैलि

हरेले के इस पावन दिन में पंडित अपने यजमानों के घरों में पूजा आदि करते हैं और सभी लोगों के सर पर हरेले के तिनकों को रखकर आशीर्वाद देते हैं। लोग परिवार के उन लोगों को जो दूर गए हैं या रोजगार के कारण दूरस्थ हो गए हैं, उन्हें भी पत्र द्वारा हरेला पर्व का आशीष भेजते हैं।

पौधरोपण कार्यक्रम में प्रधानाचार्य डॉ. अजय शेखर बहुगुणा, राजपाल सिंह धमादा, वृजेश कुमार पोखरियाल, संजय कुमार, विनोद सिंह सजवाण, राजेन्द्र सिह नेगी, नवीन कुमार मौर्य, राम सिह शाह, विकाश गौड और राम सिंह ने विद्यालय परिसर में पौधारोपण कर जन-मानस को एकता का संदेश दिया।