देहरादून : मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का एक और फैसला पलट दिया। ऋषिकेश से श्रीनगर के बीच व्यासी से आगे सिंघटाली में बनने वाले पुल को अब पूर्व में चयनित स्थान पर ही बनाया जाएगा। इस पुल के बनने से पौड़ी जिले के सात ब्लॉकों के एक हजार गांवों के लोगों को फायदा मिलेगा। पुल के स्थान परिवर्तन को लेकर दो साल से आंदोलन कर रहे लोगों ने शासनादेश जारी होने पर खुशी जताई है।

उल्लेखनीय है कि 2006 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सिंगटाली में कौडियाला से ब्यासघाट तक 21 किलोमीटर मोटर मार्ग के साथ ही गंगा नदी में 270 मीटर लंबे मोटर पुल को स्वीकृति दी थी। यह मोटर पुल टिहरी जिले के नरेंद्रनगर ब्लॉक के सिंगटाली और पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक के ढांगूगढ़ के मध्य बनाया जाना था। सत्ता में आने के बाद तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार की ओर से पुल को निरस्त कर अन्यत्र शिफ्ट करने के आदेश लोनिवि को दिए गए थे, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया था। स्थानीय लोग सिंगटाली में पुराने चयनित स्थल पर ही मोटरपुल बनाने के लिए आंदोलनरत थे। नरेंद्रनगर विधायक सुबोध उनियाल और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी पुल के पुराने स्थल पर ही बनने के लिए पैरवी कर रहे थे।

आज मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सिंगटाली में पुराने चयनित स्थल पर ही मोटर पुल बनाने का शासनादेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि इस पुल के निर्माण को लेकर जनता बीते कई वर्षों से मांग उठा रही थी, जिसके निर्माण का अब रास्ता साफ हो गया है। उन्होंने कहा कि जनता की मांग पर इस पुल को पूर्ववर्ती स्थान पर ही बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि पुल की डीपीआर व बजट तैयार है। उन्होंने जल्दी से जल्दी इस पुल का निर्माण शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने बताया कि इस पुल का निर्माण होने से न केवल टिहरी, पौड़ी जिलों के लोगों को लाभ होगा बल्कि यह पुल प्रदेश के दोनों मंडलों गढ़वाल व कुमाऊं के बीच की दूरी भी घटाएगा। उन्होंने बताया कि ऋषिकेश से श्रीनगर के बीच व्यासी से आगे सिंघटाली गांव में इस पुल का निर्माण किया जाएगा। सिंघटाली, व्यासी, सतपुली, सिद्धखाल, रिखणीखाल, नैनीडांडा, रामनगर होते हुए यह मार्ग कुमाऊँ को भी जोड़ने का कार्य करेगा। गौरतलब है कि इस पुल का निर्माण टिहरी जिले के नरेंद्रनगर ब्लॉक के सिंघटाली व जनपद पौड़ी के यमकेश्वर ब्लॉक के ढांगूगढ़ में गंगा नदी के ऊपर किया जाना है।