हरेला गाँव के माध्यम से धाद की उत्तराखंड के गाँवों मे खुशहाली लौटाने की कोशिश
हरेला गाँव के बारे मे बताते हुए धाद के सचिव तन्मय मंमगाई ने कहा कि संस्था ने हरेला माह के अंतर्गत दो अध्याय पर काम किया I पहला हरेला वन मे उन शहरों की बात करता है जो असंतुलित विकास की पहली कड़ी बने हैं और दूसरा हरेला गाँव जो पहाड़ मे पलायन के चलते अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ते खेतों और उत्पादकता की बात करता है पर काम किया गया I इसमे उत्तराखंड के विभिन्न गाँवों से अनाज और फल आदि मंगवाकर फंचि कार्यक्रम के तहत घर-घर पहुंचाये गये I जिसमे विशेषकर इस बार सेब ना केवल उत्तराखंड ब्लकि दिल्ली, चंडीगढ़, मुंबई आदि भी भेजे गये I
हरेला का संस्कृतिक पक्ष रखते हुए पद्मश्री डॉ. माधुरी बड़थ्वाल ने कहा कि आजकल की व्यस्त दिनचर्या मे हम अक्सर प्रकृति को भूल जाते है ऐसे मे हमारे हरेला और फूलदेई जैसे प्राकृति से जुड़े हुए त्यौहार और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाते हैं I हर मनुष्य की पहचान उसके भूगोल और वहां की संस्कृति से ही होती हैं I हम सौभाग्यशाली हैं कि हम हिमालय उत्तराखंड के वासी है I यहाँ की प्रकृति और संस्कृति को जीवित रखना हम सबका कर्त्तव्य है I इस अवसर पर उनकी टीम मनु लोक संस्कृतिक धरोहर संवर्धन संस्थान की प्रशिक्षित महिलाओ द्वारा ढोल-दामों के साथ मांगल गीत एवं लोक गीतों की प्रस्तुति भी दी गई I इसमें डॉ. माधुरी बर्थवाल के सानिध्य मे बीना रावत,राजी पंवार, पुष्पा डुकलान,लक्ष्मी मलासी, शशि नेगी, सुषमा नैथानी, वंदना कोटनाला, अमीषा रावत, आशा छेत्री, अंजू भट्ट, नीलिमा धुलीया और सुनीता सकलानी ने प्रस्तुति दी I
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे धाद के अध्यक्ष श्री लोकेश नवानी ने कहा कि धाद पिछले चौदह वर्षों से लगातार हरेला मनाने और समाज को जागरूक करने का काम कर रही हैं I अब हरेला एक पारम्परिक और संस्कृतिक पर्व से बढ़कर पर्यावरण का पर्व बन चुका है I धाद इस अलख को निरंतर जला रही है क्योंकि यह एक तरह की चेतना है पृथ्वी और मानवता के प्रति आपकी जागरूकता दिखती है I
इस अवसर पर सभी ने लोकेश नवानी द्वारा रचित हरेला गीत “पेड़ लगा खुशहाली ला, बारिश ला हरियाली ला” भी गाया I
इस अवसर पर पोखरा, पौड़ी गढ़वाल के प्रगति शील किसान रोहन बिष्ट जो सेब और पुलम की खेती करते है और पाबो, पौड़ी गढ़वाल के प्रगति शील किसान पवन बिष्ट जो सेब, कीवी आदि की खेती करते है को भी सम्मानित किया गया I कार्यक्रम के बाद सभी लोगों ने पहाड़ी भोज का आनंद भी लिया I कार्यक्रम का संचालन सुशील पुरोहित और मीनाक्षी जुयाल द्वारा किया गया I
इस अवसर पर बीरेन्द्र खण्डूरी, सुरेंद्र अमोली, महावीर रावत, किशन सिंह, साकेत रावत, अनिमेष, विकास मित्तल, आशा डोभाल, गणेश उनियाल, शुभम, विजय जुयाल, दुर्गेश नैटियाल, रेखा उनियाल, विनोद पंत, महेंद्र ध्यानी, राजीव पांत्री, सविता जोशी, आदि मौजूद थे I