कल्जीखाल : गत वर्ष कोरोना वायरस संक्रमण की प्रथम लहर में ग्राम प्रधानों ने गांव में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए बेहतरीन योगदान दिया था। परन्तु सरकार द्वारा उन्हें फ्रंट लाइन वर्कर घोषित नही किया गया, जिस कारण इस वर्ष कोरोना की दूसरी लहर में ग्राम प्रधानों ने हाथ खड़े कर दिए और कार्य बहिस्कार कर दिया था। आखिरकार सरकार ने उनकी बात मान ली और उन्हें फ़्रंट लाइन वर्कर के साथ ही टीकाकरण और कोरोना रोकथाम के लिए ग्रामसभा को सेनिटाइज आदि करने के लिए 20 हजार धनराशि के साथ राज्यवित्त में कोरोना से सम्बंधित व्यवस्थाओ पर खर्च करने की छूट दे दी। अब ग्राम प्रधानों ने कमर कस ली है और कोरोना से गांव बचाओ अभियान को गति दे दी है।
कल्जीखाल विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम सरासू के युवा प्रधान शैलेन्द्र असवाल ने गांव बचाओ अभियान के तहत अपने गांव में कठोर नियम बना दिए हैं, जिसका पालन सभी कर रहे है। वहीं थापला के युवा शिक्षक प्रधान अपनी ग्राम पंचायत में आवाजाही करने वालों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। इसी प्रकार थनुल के रिटायर्ड फौजी प्रधान कैप्टन एनएस नेगी ने अपनी ग्राम पंचायत में कोविड के नियमत्रंण के लिए सेना के तरह नियम बनाकर पूरी ग्राम पंचायत के नागरिकों की जिम्मेदारी तय कर दी है। इसके अलावा कुड़ी गांव की प्रधान श्रीमती मनीषा डंगवाल ने अपने गांव के जूनियर हाई स्कूल को कोविड-19 के लिए क्वारंटाइन सेंटर बना दिया है। साथ ही 24 घण्टे ग्राम पंचायत पर नजर बनाए हुए है।
जगमोहन डांगी