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शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ‘युवा मंत्र’ के बाद देवभूमि के युवा ‘अच्छे दिन’ के ख्वाब देखने लगे हैं। राजधानी देहरादून की सड़कों पर नौजवानों में जश्न का माहौल छाया हुआ है। ये युवा चाहे किसी भी पेशे से जुड़े हुए क्यों न हो लेकिन अब उन्हें धामी के रूप में नई ‘उम्मीद’ दिखाई दे रही है। राज्य में अभी तक राजनीतिक दलों के नेताओं का युवाओं पर इतना ‘फोकस’ नहीं किया गया। जिससे युवा वर्ग ‘उपेक्षित’ भी महसूस करने लगा था। इसके साथ पिछले डेढ़ सालों से कोरोना और लॉकडाउन की वजह से युवाओं की परेशानी और बढ़ा दी है। राज्य में रोजगार, व्यापार और काम-धंधे ठप होने से तेजी के साथ बढ़ी बेरोजगारी की वजह से युवाओं में ‘मायूसी’ छाई हुई है।

यहां हम आपको बता दें कि मुख्यमंत्री धामी अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य के युवाओं को साथ लेकर चलना चाहते हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान धामी भी ‘छात्र राजनीति’ में सक्रिय रहे हैं। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी निभाई है। ‘वे युवाओं की सोच और महत्वकांक्षी से भलीभांति परिचित भी हैं। दिल्ली भाजपा हाईकमान का धामी को कमान सौंपने का एक उद्देश्य यह भी है कि राज्य के युवाओं को अधिक से अधिक पार्टी से जोड़ा जाए। धामी अभी खुद भी 45 साल के युवा है और प्रदेश के सबसे कम आयु वाले पहले मुख्यमंत्री बने हैं। राज्य की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर ने नौजवानों में ‘जोश’ जगा दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने शपथ लेने के दो घंटे बाद अपने इरादे जाहिर करते हुए नवयुवकों को लेकर ‘प्लान’ भी तैयार कर लिया है। रविवार शाम बुलाई गई पहली कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री का पूरा फोकस राज्य के युवाओं को लेकर ही रहा। नवनियुक्त मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने पहली ही कैबिनेट बैठक में राज्य के युवाओं को 22 हजार पदों पर सरकारी नौकरी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। उन्होंने युवाओं को आश्वासन दिलाया कि प्रदेश की राजनीति बदलेगी।

‘धामी ने कहा कि मैं युवाओं के बीच काम करता रहा हूं और मुद्दों को अच्छी तरह समझता हूं। कोरोना ने उनकी जिंदगी पर असर डाला है। हम उनके लिए हालात को बेहतर बनाने के लिए काम करेंगे। राज्य में खाली पदों पर नौजवानों को अपॉइंट करने की कोशिश की जाएगी। इसमें कुछ मुश्किलें हैं लेकिन, राज्य में टूरिज्म और चार धाम यात्रा फिर से शुरू करना हमारे लिए बहुत जरूरी है। मेरी उम्र कम है। यहां हर कोई अनुभवी है। मेरी पार्टी के लिए, जिसने मुझे यह मौका दिया है, मेरा कर्तव्य है कि मैं नए और पुराने सदस्यों को एक साथ रखूं’। कैबिनेट मीटिंग के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि युवाओं और बेरोजगारों के लिए कई अहम फैसले लिए गए हैं। बता दें कि बेरोजगारी के इस मुद्दे को अगर सीएम धामी ने बेहतर तरीके से हल किया तो आगामी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा का सरकार बनाना आसान हो सकता है। फिलहाल देवभूमि के युवा पुष्कर सिंह धामी से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। अब देखना होगा आने वाले समय में मुख्यमंत्री इन युवाओं की उम्मीदों पर कितना ‘खरा’ उतरते हैं।

आइए अब पहले दिन कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे का ‘धामी गुणगान’ भी जान लिया जाए। ‘पांडे ने कहा कि पुष्कर सिंह ने छह महीने के लिए नहीं, छह साल के लिए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, हमारी बात को रिकॉर्ड रखिएगा। पुष्कर सिंह धामी इस कार्यकाल के छह महीने और आने वाले पांच साल तक सीएम रहेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता जानती है कि विकास बीजेपी की सरकार ही करेगी। उत्तराखंड राज्य को हम पर्वतीय प्रदेशों में पहले नंबर पर ले जाएंगे। दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद धामी को शुभकामनाएं दी हैं। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने के लिए सात महीने से भी कम वक्त बचा है। पुष्कर सिंह धामी को अब तेजी के साथ काम करना होगा और अपने सहयोगियों के साथ-साथ वोटरों का भरोसा जीतना होगा। इसके साथ पार्टी के नेताओं की नाराजगी भी दूर करनी होगी, तभी वह अपने आपको ‘मिशन 22’ के लिए तैयार कर पाएंगे।