पौड़ी: पौड़ी जनपद में ग्रामीण क्षेत्रों में बंद पड़े घरों को चोरों द्वारा निशाना बनाने की ख़बरें अक्सर सुनाई देती रहती हैं। अब चोरों ने सोलर लाइटों पर भी हाथ साफ करना शुरू कर दिया है। हमारे संवाददाता जगमोहन डांगी ने बताया कि कि शनिवार रात को मनियारस्यूं पट्टी ग्राम चौंडली में चोर गांव में लगी पंचायत की सोलर लाइटों को तोड़कर ले गए। उन्होंने बताया कि इससे पहले चोरों ने क्षेत्र के थानेश्वर महादेव मंदिर की दानपेटी चुरा ली थी।

बता दें कि विकासखंड कल्जीखाल के मनियारस्यूं पट्टी के ग्राम पंचायत थनुल के अंतर्गत थनगढ़ नदी स्थित चौंड़ली गांव कभी सिंचित खेती के लिए विख्यात था। परन्तु जंगली जानवरों के आतंक और मूलभूत सुविधाओं के अभाव व रोजगार के कारण गांव के सभी बासिंदे एक दशक पहले परिवार सहित महानगरों की ओर चले गए। गांव में रहने वाली आखरी बुजुर्ग दंपति भी 2013 में गांव छोड़कर कर मजबूरन अपने बेटों के साथ दिल्ली चले गए थे। लेकिन 2020-21 में कोरोना काल में कुछ परिवार पुनः गांव वापस लौटे। जिन्हें स्थापित करने तत्कालीन जिलाधिकारी डा विजय कुमार जोगदंडे स्वयं जून माह की तपती गर्मी में अपनी प्रशानिक अमला को लेकर चौंडली गांव पहुंचे थे।

वहीँ दिवंगत ग्राम प्रधान कैप्टन नरेंद्र सिंह नेगी ने वापस गांव लौटे परिवारों को पुनः स्थापित करने के भरसक प्रयास किए थे। जंगली जानवरों के भय से बचने के लिए सबसे पहले उन्हे सोलर लाइट उपलब्ध करवाई, वर्षो से बंद पढ़ी सिंचाई विभाग की गुल को भी मरमत करवाया गया और उद्यान एवं कृषि विभाग से बीज पेड़ उपल्ब्ध करवाए।

वापस लौटे प्रवासीयों का जैसे ही जीवन पटरी पर लौट रहा था कि जंगली जानवरों ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। वहीँ आदमखोर जानवरों का भय भी सताने लगा। ऊपर से क्षेत्र के जनप्रतिनिधि गण सड़क जैसी मूलभूत सुविधा भी उपलब्ध नहीं करा सके। आखिर गांव लौटे सभी प्रवासी वापस शहरों की ओर लौट चले।

इसबीच पता चला कि शनिवार को चोर गांव में लगी सोलर लाइट निकाल कर ले गए और गांव की सिंचाई की गुल को भी तोड़ गए। चोर क्षेत्र में खाली पढ़े घरों को अधिकतर अपना निशाना बना रहे है। हाल ही में चोरों ने गांव के नजदीक प्राचीन सिद्धपीठ थानेश्वर मंदिर में भी चोरों ने दानपेटी उड़ा ली थी। इस प्रकार गत एक साल में मनियारस्यूं पट्टी के खाली और वीरान पढ़े गांवो में दर्जनों चोरी की घटना घट चुकी हैं। कई गांवों की चोरियों की रिपोर्ट भी राजस्व पुलिस में दर्ज है। लेकिन आजतक किसी भी चोरी की घटना का खुलासा नहीं हो पाया है। ऐसे में जिन प्रवासियों ने गांव में मकान लगा रखे है। और जो मई जून में कभी कभार देवी देवता पूजन कार्य में गांव जरूर आते है। अब उन्हें भी गांव में हो रही निरंतर चोरी का भय सताने लगा हैं। उन्हें भय है कि कही उनके बंद घरों में पड़ा सामान भी चोर उड़ा न ले जायें। ऐसे में आखिर खाली गांवों की सुरक्षा व्यवस्था कौन करेगा यह भी एक बड़ा मुद्दा हो गया।