पौड़ी: जनपद पौड़ी के कक्षा 6 से 8 तक गणित पढ़ाने वाले 35 शिक्षक-शिक्षिकाओं की तीन दिवसीय गणित की कार्यशाला 11 सितंबर से 13 सितंबर के बीच आयोजित की गई। कार्यशाला में विद्यार्थियों के गणित के कौशल को बढ़ाने पर चर्चा एवं परिचर्चा की गई।
रविकांत ने जयपुर, राजस्थान से इस कार्यशाला में प्रतिभाग किया, उन्होंने बच्चों की छोटी स्तर पर महसूस की जाने वाली कठिनाई दशमलव, भिन्न संख्याएं, बीजीय व्यंजक, घन-घनाभ आदि पर विस्तृत रूप से चर्चा की।
कार्यशाला में शिक्षकों ने टीएलएम बनाने के कौशल को विकसित किया। अमेरिकन इंडियन फाउंडेशन के कृष्णकांत राजू जी के द्वारा आईसीटी पर चर्चा की गई। जीआईसी बिडोली के प्रवक्ता संतोष सिंह नेगी ने जिओ जेब्रा कैसे उपयोग में लाया जा सकता है, इस पर शिक्षकों का ज्ञानवर्ध किया। अजीम प्रेम जी फाउंडेशन के जनपद समन्वयक अशोक कांडपाल ने टीएलएम निर्माण के गुण एवं उनकी अवधारणा विकास पर तथा टीएलएम की सार्थकता एवं सिद्धांतों पर चर्चा की। इसी संस्था से पूजा दुमाका एवं नरेश पवार ने टीएलएम की महत्ता और एक ही टीएललम को कक्षा शिक्षण में किस प्रकार उपयोग किया जा सकता है , उसको बनाने में शिक्षकों का कौशल विकास किया। गणित में पजल कितनी उपयोगी हो सकती है, इस पर शिक्षकों से चर्चा कर पजल आधारित टीएलएम बनवाये गये।
इस कार्यक्रम के समन्वयक डॉक्टर नारायण प्रसाद उनियाल एवं जितेंद्र सिंह राणा ने हर स्कूल में टीएम मैथ्स टीएलएम कॉर्नर की उपयोगिता पर बल दिया । कक्षा शिक्षण में बिना टीएलएम के गणित ना पढ़ने का सुझाव भी रखा। सभी शिक्षकों से आह्वान किया गया कि वह अपने विद्यालय में 22 दिसंबर को हर्षो उल्लास के साथ गणित दिवस को मनाएं। अपने विद्यालय में ही नहीं अपने समीपवर्ती विद्यालयों में भी गणित का टीएलएम कॉर्नर बनाने में सहयोग करें। साथ ही उन्होंने अवगत कराया की डाइट के द्वारा इस वर्ष प्रति विकासखंड से एक उत्कृष्ट छात्र-छात्रा को साइंस सिटी अहमदाबाद में गणित विज्ञान की प्रयोगशाला का भ्रमण कराया जाएगा। इससे बच्चों में विज्ञान गणित पढ़ने के प्रति रुचि के साथ-साथ अभिप्रेरणा जागृत होगी। कार्यक्रम के समापन के अवसर पर डाइट प्रभारी प्राचार्य डॉ महावीर सिंह कालेठा ने सबको प्रमाण पत्र प्रदान किया। इसी के साथ कार्यशाला का समापन हुआ।