Shaira Bano got status of state minister

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नवरात्र के शुभ अवसर पर राज्य की महिलाओं को राज्य महिला आयोग में अलग-अलग दायित्व सौंपे हैं। राज्य महिला आयोग में तीन महिलाओं को उपाध्यक्ष के दायित्व के साथ ही राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है। तीन तलाक के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाने वाली काशीपुर की महिला सायराबानों को महिला आयोग में उपाध्यक्ष (प्रथम), रानीखेत की ज्योति शाह को उपाध्यक्ष (द्वितीय) और चमोली की पुष्पा पासवान को उपाध्यक्ष (तृतीय) बनाया गया है। राज्य महिला आयोग में उपाध्यक्ष के तीनों पद काफी समय से रिक्त चल रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य महिला आयोग में उपाध्यक्ष के रिक्त पदों का दायित्व सौंपे जाने से राज्य में महिलाओं से सम्बन्धित मामलों एवं समस्याओं के समाधान में मदद मिलेगी।

शायरा बानो शनिवार को भाजपा में शामिल हुई थी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने प्रदेश पार्टी कार्यालय में आयोजित एक सादे कार्यक्रम में उनको पार्टी में शामिल किया। काशीपुर निवासी शायरा बानो ने 2016 में तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सबसे पहले जनहित याचिका दायर की थी।

आज त्रिवेन्द्र सरकार में बतौर राज्यमंत्री का दर्जा मिलने के बाद शायरा ने कहा कि वह भाजपा की एक छोटी सी कार्यकर्ता हैं। और प्रदेश में हर पीडि़त महिला को न्याय मिल सके, इसके लड़ती रहेंगी। शायरा ने कहा पीएम मोदी के नेतृत्व में आज देश की महिलाएं ने अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो रही हैं। तीन तलाक कानून बनने से कुप्रथाओं को बढ़ावा देने वालों के मन में डर बना है।

शायरा ने कहा कि मैं ऐसे धर्म से हूं जहां महिलाओं को अपनी बात कहने की आजादी अमूमन घरों में नहीं मिल पाती है। जबकि मेरे माता-पिता ने हमेशा ही मेरी बातों का सुना और समझा है। जहां तक बात तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई की थी तो यह मात-पिता के सहयोग के बिना आसान नहीं होता। मेरे माता-पिता हमेशा मेरी शक्ति बने। रास्ते में अड़चने भी कम नहीं आईं। रूढ़िवादी ताकतों ने आवाज दबाने की भरसकर कोशिश की। लेकिन मैंने हार नहीं मानी। कानूनी लड़ाई लड़ने के साथ ही मुस्लिम संगठनों और पर्सनल लॉ बोर्ड के तरफ से केस वापस लेने का दवाब भी दिया गया। लेकिन मेरे पिता इकबाल कादरी हमेश मेरे साथ ढाल की तरह खड़े रहे।