Tirath cabinet's decision

देहरादून : मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को अपने मंत्रीमंडल का विस्तार किया. तीरथ मंत्रीमंडल में 8 कैबिनेट तथा 3 राज्य मंत्री ((स्वतंत्र प्रभार)) शामिल हैं. नए कैबिनेट गठन के साथ ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की पहली बैठक आयोजित की गई. शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई पहली कैबिनेट बैठक में दो महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। लॉकडाउन के दौरान कोविड महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत नियमों का उल्लंघन करने पर दर्ज मुकदमों को वापस लिए जाने का निर्णय लिया गया।

वहीँ 2016 के बाद प्रदेश में गठित विकास प्राधिकरणों में नक्शा पास कराने की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। इन प्राधिकरणों में पहले की स्थिति रहेगी। समीक्षा के लिए कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत की अध्यक्षता में उपसमिति का गठन किया गया। जिसमे कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे और सुबोध उनियाल इसके सदस्य होंगे।

लॉकडाउन में दर्ज हुए थे मुकदमे

लॉकडाउन अवधि में कोविड-19 नियमों का पालन न करने पर एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज करने का प्रावधान किया गया था। लॉकडाउन के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर घूमने, भीड़ एकत्रित होने पर प्रतिबंध था। उक्त नियमों का उल्लंघन करने पर प्रदेश भर में करीब 4500 लोगों पर मुकदमे दर्ज किए गए थे। मंत्रिपरिषद ने नियमों का उल्लंघन करने पर दर्ज सभी मुकदमे वापस लेने का निर्णय लिया है।

नक्शा पास कराने की बाध्यता

वर्ष 2016 में त्रिवेंद्र सरकार ने प्रदेश में कई क्षेत्रीय विकास प्राधिकरणों का गठन किया था, इसका काफी विरोध हुआ था। कई विधायकों ने पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों को नक्शा पास कराने में आ रहीं दिक्कतों को लेकर विधानसभा सदन में मामला उठाया था। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने उपसमिति बनाई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट भी सरकार को सौंपी दी थी, लेकिन अभी तक इस पर कार्यवाही नहीं की गई थी।