Joshimath Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ में भूधंसाव के कारण क्षतिग्रस्त होने वाले भवनों की संख्या लगातार बढती जा रही है. मंगलवार को जारी आपदा प्रबंधन संबंधी बुलेटिन के अनुसार भू-धंसाव के कारण जोशीमठ नगर क्षेत्र में अब तक कुल 723 भवनों में दरारें देखी गयी हैं। आज  45 नए मकानों में दरारें आ गई हैं। बीते रोज यह संख्या 678 थी। भवनों के क्षतिग्रस्त होने के बढ़ते आंकड़े से डर का माहौल है।

सुरक्षा के दृष्टिगत कुल 131 परिवारों को अस्थाई रूप से विस्थापित किया गया है। जोशीमठ नगर क्षेत्रान्तर्गत अस्थाई रूप से 1425 क्षमता के 344 राहत शिविर के साथ ही जोशीमठ क्षेत्र से बाहर पीपलकोटी में 2205 क्षमता के 491 कक्षों/हॉलों को चिन्हित किया गया है।

वहीँ 53 प्रभावित परिवारों को रू 5000/- प्रति परिवार की दर से घरेलू सामग्री हेतु धनराशि वितरित की गयी है तथा 10 तीक्ष्ण/पूर्ण क्षतिग्रस्त भवनों के प्रभावितों को प्रति भवन 1.30 लाख की दर से धनराशि वितरित की गई। इसके साथ ही प्रभावित परिवारों को उनकी आवश्यकतानुसार खाधान्न किट एवं कंबल वितरित किये गये हैं, कुल 70 खाद्यान्न किट, 70 कम्बल एवं 570 ली. दूध प्रभावितों को वितरित किया गया है तथा कुल 80 प्रभावित व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया है।

प्रभावितों के विरोध पर अटकी दो होटलों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई

भू-धंसाव की चपेट में आए जोशीमठ में शासन के आदेश के बावजूद मंगलवार को भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई। जिला प्रशासन की टीम लाव-लश्कर के साथ भवन तोड़ने पहुंची तो प्रभावित लोग विरोध में उतर आए। बता दें कि जोशीमठ में मंगलवार को होटल माउंट व्यू और मलारी इन को ध्वस्त किया जाना था, लेकिन होटल स्वामियों ने कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया। उनका कहना था कि आर्थिक मूल्यांकन नहीं किया गया, साथ ही नोटिस तक नहीं दिए गए। विरोध बढ़ने पर प्रशासन को कदम पीछे खींचने पड़े।

देर शाम आक्रोशित लोग माउंट व्यू होटल के सामने धरने पर बैठ गए। इसके बाद लोगों ने सरकार व एनटीपीसी के नारे लगाते हुए जाम लगा दिया। लोगों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक मुआवजा तय नहीं होगा तब तक वे होटल टूटने नहीं देंगे। ऐसे में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई बुधवार तक के लिए टाल दी गई।