श्रीनगर गढ़वाल : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET) चड़ीगाँव में सोमवार को प्रारम्भिक शिक्षा का वर्तमान शैक्षिक परिदृश्य एवं संभावनाएं पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का शुभारंभ गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनार की कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल ने विधिवत रूप से किया। संगोष्ठी की अध्यक्षता डायट प्राचार्य देवेन्द्र सिंह आर्य ने की। इस अवसर पर कार्यक्रम के आरम्भ में डायट चड़ीगाँव के डीएलएड प्रशिक्षितों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पी के जोशी ने अपने उदबोधन में कहा कि भारत युवाओं का देश है। भारत की औसत व्यक्ति आयु 29 वर्ष है। यह हमारी सबसे बड़ी धरोहर है जिसे सही दिशा देना हमारी प्राथमिकताओं में सर्वोपरि होना चाहिए। युवाशक्ति दोधारी तलवार है जो यदि दिशाहीन हो गयी तो हमारे राष्ट्र के लिए एक भयावह स्थिति होगी।
अतः समय की आवश्यकता है की हम कौशलयुक्त युवा तैयार करें जो देश की सकल विकास दर को ऊंचा उठाये। कुलपति महोदया ने इस बात पर चिन्ता व्यक्त की आखिर वह कौन से अवरोध है जिनके कारण आज राजकीय विद्यालयों से छात्र विमुख हो रहें है और विद्यालय खाली हो रहे हैं।
सरकार, शिक्षक, अभिभावक हम सभी को संयुक्त रूप से इस विषय पर गहनता से सोचना होगा। दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 26 व 27 मार्च 2019 तक संचालित होगी। जिसमें शोधकर्ताओं के द्वारा अपने शोध पत्र विषय पर विचार-विमर्श किया जायेगा। संगोष्ठी में प्रोफेसर जय प्रकाश भट्ट, प्रोफेसर गीता खण्डूरी, प्रोफेसर अनिल नौटियाल, डॉ. जितेन्द्र नेगी प्राचार्य राठ महाविद्यालय पैठाणी, डॉ. अंकित जोशी प्रतिनिधि एससीईआरटी देहरादून उपस्थित रहे।
संगोष्ठी में डॉ. विश्वबन्धु चंदोला प्रवक्ता डायट, डॉ. नारायण प्रसाद उनियाल सचिव राष्ट्रीय संगोष्ठी, डॉ. महावीर सिंह कलेठा सह संयोजक एवं संचालक शिवानी रावत डॉ. अरविंद डॉ. जगमोहन पुण्डीर, शालिनी भट्ट, नीलिमा शर्मा, शिवानी, संगीता डोभाल, अनुजा मैठाणी, विमल प्रसाद मंमगाई, उप शिक्षा अधिकारी खिर्सू प्रेम लाल भारती, शिक्षक महेश गिरि, कमलेश जोशी, दीपक गौड़, जय कृष्ण पैन्यूली, मुकेश काला, पदमेन्द्र लिगंवाल, चन्द्र मोहन बिष्ट, मनोज नौडियाल आदि उपस्थित रहे।
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