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उत्तराराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भ्रष्टाचार पर एक और कड़ा प्रहार करते हुए ऊधमसिंह नगर के सहायक निबंधक हरीश चंद खंडूड़ी को निलंबित किया है। सहायक निबंधक के खिलाफ संविदा पर नई नियुक्तियां अपने स्वार्थ के लिए करने, निबंधक के आदेश तक को दरकिनार करने सहित अन्य कई गंभीर शिकायतें हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सहायक निबंधक हरीशचंद्र खण्डूड़ी को अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए सचिव सहकारिता आर मिनाक्षी सुंदरम द्वारा निलम्बित कर दिया गया है। सचिव सहकारिता आर मिनाक्षी सुंदरम ने निलंबन का आदेश जारी करते हुए उक्त अधिकारी से दस अप्रैल तक जवाब देने को कहा है। साथ ही उन्हें आरोप पत्र भी जारी किया गया है।Assistant-Registrar--suspended-in-uttarakhand

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि भ्रष्टाचार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ईमानदार और पारदर्शी शासन राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

सचिव सहकारिता द्वारा जारी निलंबन आदेश के मुताबिक सहायक निबंधक खंडूड़ी ने निबंधक के टनकपुर निवासी शोभित अग्रवाल को हटाने के आदेश को दरकिनार किया और शोभित को कार्यमुक्त न कर एडीसीओ सी पद का दायित्व दे दिया। हद तो यह हुई कि दक्षिण सितारगंज समिति में एक ट्रक यूरिया के मामले में भी सहायक निबंधक ने मनमर्जी की। इस यूरिया को स्टॉक में नहीं दिखाया गया था और सीधे बाजार में बेच दिया गया था। संचालक मंडल की ओर से जांच की मांग होने के बावजूद सचिव और अन्य कर्मियों के खिलाफ सहायक निबंधक ने कोई कार्यवाही नहीं की।

इसके अलावा यह भी पाया गया कि मध्यकालिक कर्ज के वितरण का लक्ष्य भी पूरा नहीं किया गया था। इस मामले में जिला सहकारी बैंक ऊधमसिंह नगर के सचिव/महाप्रबंधक को निलंबित किया गया था। सहायक निबंधक हरीश चंद खंडूड़ी के खिलाफ कार्यवाही के लिए कहा गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। शासन ने सहायक निबंधक हरीश चंद खंडूड़ी को निलंबित करने में कुमाऊं मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट और निबंधक सहकारिता की संस्तुति को आधार बनाया है।

 

 

 

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