केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ को उनके उत्कृष्ट लेखन और साहित्यिक कार्यों के लिए कनाडा के हिंदी साहित्यकार गिल्ड द्वारा सम्मानित किया गया। वर्चुअल माध्यम से भारत एवं विश्व के 52 से अधिक देशों के प्रसिद्ध साहित्यकारों और हिन्दी प्रेमियों तथा शिक्षाविदों की उपस्थिति में राजभवन में उन्हें यह सम्मान उत्तराखण्ड के राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य के हाथों से प्रदान किया गया।
निशंक को सम्मान मिलने पर बधाई देते हुए उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि निशंक ने एक लोकप्रिय राजनीतिक नेता के रूप में लगातार लेखन से साहित्य के प्रति समर्पण को साबित किया है, जिन्होंने एक विधायक, एक सांसद, एक मुख्यमंत्री और अब केंद्रीय मंत्री के रूप में लोगों की सेवा की है। उन्होंने कहा कि डॉ निशंक का बहुमुखी व्यक्तित्व ही है जो कि साहित्य सेवा के साथ ही राजनीति एवं समाजसेवा में भी एक साथ सक्रिय है। कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से कनाडा में हिन्दी का इतना समृद्ध स्वरूप देखकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। राज्यपाल ने कहा कि हिन्दी को बच्चों तथा युवाओं के मध्य लोकप्रिय बनाना महत्वपूर्ण है। डॉ निशंक द्वारा लाई गई भारत की नई शिक्षा नीति में भी मातृभाषा में शिक्षा को महत्व दिया गया है।
इस प्रतिष्ठित सम्मान को पाने के बाद शिक्षा मंत्री डॉ. निशंक ने हिंदी राईटर्स गिल्ड, कनाडा और कनाडा में रह रहे भारतवंशियों और वहां कार्यरत भारतीय भाषा संस्थाओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मान उन भारतवंशियों को समर्पित है जो विदेश में रहकर भी भाषा और संस्कृति के लिए समर्पित हैं और अत्यत समर्पण से विदेश में रहकर भी हिंदी, भारतीय भाषाओं और संस्कृति का परचम फहरा रहे हैं। उन्होंने कहा यह पुरस्कार भारत के उन करोड़ों व्यक्तियों, जैसे कि मजदूर, किसान, शिक्षक एवं कामगार, को भी समर्पित है जो तमाम कष्टों, कठिनाईयों और चुनौतियों के बीच भी नए भारत के निर्माण में लगे हुए हैं।
डॉ. निशंक कनाडा और भारत के बीच भाषा और संस्कृति को लेकर हो संवाद पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि आज एक महत्वपूर्ण संवाद हो रहा है और यह भी महत्वपूर्ण है कि यह वैश्विक संवाद हिंदी में हो रहा है. उन्होनें कहा, यह हिंदी के वैश्विक भाषा बनने का प्रतीक भी है। मैं सबसे पहले कनाडा के कवियों, कहानीकारों और रचनाकारों को बधाई देता हूँ। जिनकी रचनाओं ‘सपनों का आकाश’ और ‘संभावनाओं की धरती’ का लोकार्पण आज हुआ है।
डॉ. निशंक ने कहा कि हिंदी राइटर्स गिल्ड को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि हमने यह निर्णय लिया है कि इन पुस्तकों के प्रकाशन मे शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय हिंदी संस्थान समुचित सहयोग करेंगे।
इस अवसर पर हिंदी राइटर्स गिल्ड के संस्थापक निदेशक विजय विक्रांत, सुमन घई, केन्द्रीय हिन्दी अकादमी के पूर्व सदस्य डॉ. योगेन्द्रनाथ शर्मा ‘अरूण’, केंद्रीय हिंदी संस्थान के उपाध्यक्ष अनिल जोशी, दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज की प्रिन्सिपल डॉ रमा, इसरो के पूर्व अध्यक्ष कस्तूरी रंगन और उत्तराखंड राजभवन से पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी, पद्मश्री योगी ऐरोन, पद्मश्री प्रीतम भरतवाण, पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, पद्मश्री बसन्ती बिष्ट तथा अन्य स्थानों से पद्मश्री बछेन्द्री पाल, पद्मश्री उषा किरण, पद्मश्री चण्डी प्रसाद भट्ट, पद्मश्री अनिल जोशी, पद्मश्री श्यामसिंह शशि, कुलपतिगण प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल (वर्धा), प्रो. रमेश कुमार पाण्डे (संस्कृत विद्यापीठ), प्रो. रूप किशोर शास्त्री (गुरूकुल कांगड़ी), प्रो. सिंकदर कुमार (हिमाचल विवि), प्रो. राजकुमार (पंजाब विवि), प्रो. मकरंद परांजपे (भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान ), प्रो. सोमा बन्दोक पाध्याय (कलकता विवि), प्रो. सुधारानी पांडे, प्रो. ऋषभदेव शर्मा सहित अनेको अन्य प्रतिष्ठित साहित्यकार एवं शिक्षाविद् उपस्थित थेे।