देहरादून: उत्तर प्रदेश, हिमाचल और गोवा की तर्ज पर उत्तराखंड में भी जल्द ही ई-विधानसभा बनाई जाएगी। इससे विधानसभा का सत्र पेपर लेस होगा। साथ ही एक क्लिक पर सभी जानकारी मुहैया होगी। विधानसभा स्पीकर ने कहा कि जल्द ही उत्तराखंड विधानसभा को ई-विधानसभा के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए हिमाचल प्रदेश में ई-विस में इस्तेमाल तकनीक का अध्ययन कर लिया गया है। यूपी की ई-विस का अध्ययन कर उत्तराखंड विस को भी ई-विधानसभा बनाया जाएगा। उत्तराखंड बनने से अभी तक की जितने भी विधानसभा सदन चले हैं, की पूरी जानकारी भी एक जगह डिजिटल संग्रहित की जाएगी।
विधानसभा स्पीकर ने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र को पेपर लेस कराने पर तेजी से काम किया जाएगा। इस संबंध में सोमवार को विधानसभा स्पीकर ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक फोरम से ई-विधानसभा का उपयोग करके अधिक संख्या में लोगों का समावेश करना आसान होगा है। विधायकों के अलावा आम जनता भी प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे और अपनी राय रख दे सकते हैं।
सोमवार को विधानसभा भवन कार्यालय कक्ष में स्पीकर ऋतु खंडूड़ी भूषण ने मामले को लेकर विधायकों व सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी के अफसरों संग बैठक में कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से समय और श्रम की बचत होती है। इलेक्ट्रॉनिक फोरम से ई-विधानसभा का उपयोग करके अधिक संख्या में लोगों का समावेश करना आसान होगा है। विधायकों के अलावा आम जनता भी प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे और अपनी राय रख दे सकते हैं।
विधानसभा स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने कहा, ई-विधानसभा बनाने से कागजों की बचत होगी। विधानसभा कार्यों में बहुत से दस्तावेजों का उपयोग किया जाता है। इससे काफी खर्चा आता है, लेकिन ई-विधानसभा के माध्यम से दस्तावेज इलेक्ट्रॉनिक रूप से उपलब्ध हो सकते हैं, जिससे कागजों की बचत हो सकती है। साथ ही ई-विस के माध्यम से दस्तावेजों को आसानी से संग्रहित किया जा सकता है। कम कागजों के उपयोग से पर्यावरण को भी बचाया जा सकता है।
बैठक में विधायक उमेश कुमार काऊ, खजान दास, वीरेंद्र कुमार, मोहम्मद शहजाद, राजकुमार पोरी, अपर सचिव सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विजय कुमार, अपर सचिव वित्त अरुणेंद्र चौहान, विधानसभा प्रभारी सचिव हेम पंत, अनु सचिव विधानसभा संजय कुमार रावत आदि मौजूद थे।