Ankita Murder Case : :अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में दोषियों को फांसी की सजा दिलाने की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल के आह्वान पर सामाजिक संगठनों, छात्र संगठनों तथा राजनीतिक दलों द्वारा आज 2 अक्टूबर को किये गए राज्यव्यापी बंद का मिला जुला असर देखने को मिला

देहरादून में रहा आंशिक असर

देहरादून में अंकिता के हत्यारों के लिए फांसी की सजा और प्रकरण की सीबीआइ जांच कराने की मांग को लेकर 14 संगठनों ने गांधी पार्क में सुबह 10 बजे से दोपहर ढाई बजे तक धरना दिया। राजधानी देहरादून में बंद का आंशिक असर देखने को मिला। यहां के मुख्य बाजार क्षेत्रों में कुछ दुकानें बंद रहीं, जबकि कई अन्य प्रतिष्ठान सामान्य दिनों की तरह कारोबार के लिए खुले रहे। कुछ लोगों ने सुबह दुकान खोली थी, लेकिन जब बंद समर्थक नारे लगाते हुए सड़कों पर उतर आये तो उन्होंने अपनी दुकानों को बंद कर दिया।

पौड़ी में रहा बंद का व्यापक असर

अंकिता हत्याकांड के आरोपियों को फांसी की सजा देने को लेकर यूकेडी द्वारा बुलाए गए उत्तराखंड बंद का सबसे ज्यादा असर मृतिका के गृह क्षेत्र पौड़ी में देखने को मिला। बंद को लेकर पौड़ी में कांग्रेस ने भी यूकेडी को अपना समर्थन दिया। पौड़ी में लगभग सभी दुकानें बंद रहीं और सड़कों पर वाहनों की संख्या कम रही। इस दौरान यूकेडी के जिलाध्यक्ष चंद्रमोहन सिंह गुसांई ने कहा कि जब तक अंकिता भंडारी के हत्यारोपियों को फांसी की सजा नही होती है तब तक आंदोलन जारी रखा जाएगा।

कोटद्वार में भी दिखा बंद का असर

अंकिता भण्डारी हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग को लेकर उक्रांद कार्यकर्ताओं के आहवान पर कोटद्वार, दुर्गापुरी सहित अन्य क्षेत्रों में रविवार को बाजार पूरी तरह बंद रहे। कुछ खुली दुकानों को उक्रांद कार्यकर्ताओं द्वारा बंद कराया गया। बंद के कारण लोगों को परेशानी से भी दो चार होना पड़ा।

श्रीनगर में बंद का रहा मिला जुला असर

अंकिता हत्याकांड को लेकर विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित बंद का श्रीनगर में मिला जुला असर देखने को मिला। सुबह से बाजार बंद को लेकर व्यापारियों में असमंजस की स्थिति देखने को मिली। सुबह काफी व्यापारियों ने एक दूसरे को देख कर दुकानें खोलनी शुरू कर दी थी परन्तु दस बजे के करीब जैसे ही आन्दोलनकारियों का जुलूस विश्वविद्यालय गेट से आया वैसे ही अधिकांश व्यापारियों ने दुकाने बंद कर दी हालाँकि  जुलूस चले जाने के कुछ देर बाद व्यापरियों ने दुकानें खोल दी। दोपहर तक लगभग पूरा बाजार खुल गया था।

दरसल विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित बंद को व्यापार सभा श्रीनगर का साथ नहीं मिला। व्यापार सभा पदाधिकारियों का कहना था कि व्यापार सभा द्वारा अंकिता हत्याकांड में पूर्व में पूर्ण बाजार बंद कर दिया गया था। आजकल शादी व त्योहारी सीजन है। जिस करण नगर के अधिकांश व्यापारी बंद के समर्थन में नहीं थे। हालाँकि बंद का कीर्तिनगर, चौरास में व्यापक असर देखने को मिला। कीर्तिनगर में बंद पूरी तरह सफल रहा।

गढ़वाल के अन्य जिलों टिहरी, उत्तरकाशी और चमोली में कुछ बाजार खुले रहे तो कुछ बंद। विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने बंद के दौरान प्रदर्शन कर सरकार से अंकिता को न्याय दिलाने की मांग की।

सीमावर्ती जिले चमोली में स्थानीय आवागमन के लिए बनी जीप और टैक्सी सड़कों से पूरी तरह नदारद रही। केवल रोडवेज की बस और तीर्थयात्रियों को बद्रीनाथ और केदारनाथ ले जाने में लगी बसें चलती देखी गईं। चमोली जिले के पिंडार घाटी में भी वाहनों की आवाजाही ठप रहने के अलावा व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी बंद रहे। गोपेश्वर, कर्णप्रयाग और जोशीमठ में पूरा दिन बाजार बंद रहे।

ग्रामीण बाजारों में भी बंद का मिला जुला रहा असर

अंकिता हत्याकांड के आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर यूकेडी बुलाए गए उत्तराखंड बंद का असर ग्रामीण बाजारों में भी देखने को मिला। कल्जीखाल, चौबट्टाखाल, नौगांवखाल, एकेश्वर, पाटीसैंण, गवानी में बंद का असर देखने को मिला। वहीं सतपुली, धुमाकोट, जड़ाऊखांद, नैनीडांडा, अदालीखाल, शंकरपुर, गौलीखाल, दिगोलीखाल आदि बाजारों में में बंद का असर कम देखने को मिला। इन जगहों पर अधिकांश दुकानें खुली रही। कुछ गिनी-चुनी दुकानें बंद रहीं। यातायात में कोई व्यवधान नहीं हुआ। यात्री बसें, निजी वाहन आदि बिना किसी बाधा के संचालित होते रहे। कल्जीखाल बाजार में सुबह से ही क्षेत्र की महिलाओं तथा पुरुषों ने अंकिता के हत्यारों को फांसी की सजा दिलाने की मांग को लेकर जुलूस निकाला। इसी तहर चौबट्टाखाल, नौगांवखाल आदि बाजारों में भी स्थानीय लोगों ने अंकिता को न्याय मिलने हो रही देरी के खिलाफ जुलूस निकालकर अपना विरोध प्रकट किया।

कुमाऊ मंडल में रहा आंशिक असर

कुमाऊं मंडल में बंद का आंशिक असर देखने को मिला। हल्द्वानी, नैनीताल, पिथौरागढ़, ऊधमसिंह नगर, चंपावत, बनबसा, काशीपुर में ही दोपहर तक कुछ दुकानें बंद रही।