देवभूमि उत्तराखंड अनेक खूबियों के लिए देश-दुनिया में प्रसिद्ध है। हरी-भरी वादियां, पर्यटन, अध्यात्म, चार धाम, नदियों-झरनों से बहता कल-कल पानी, ऋषिकेश में गंगा घाट पर शाम की आरती, योग करने के लिए सबसे शांत वातावरण, हरिद्वार की हर की पैड़ी पर गंगा स्नान और नैनीताल, पहाड़ों की रानी मसूरी के खूबसूरत नजारे दुनिया भर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। जो एक बार इस राज्य में आ जाता है वह यहीं का होकर रह जाता है। सही मायने में शांति और सुकून के लोगों के लिए यहां बहुत कुछ है। इसके साथ यहां अन्य राज्यों की अपेक्षा अपराध (क्राइम) भी बहुत कम है।
‘उत्तराखंड राज्य वरिष्ठ नागरिकों (सीनियर सिटीजन) के लिए एक सुरक्षित राज्य है’। ‘नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो’ के आंकड़ों से यह बात सामने आई है। अगर केवल साइबर अपराध के मामलों को छोड़ दिया जाए तो साल 2020 में अपराधिक मामलों में गिरावट देखने को मिली है। एनसीआरबी के ताजा आंकड़े के अनुसार देश में सबसे ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों के साथ अपराध की बात करें तो महाराष्ट्र में 2020 में सर्वाधिक 4909 मामले दर्ज किए गए। मध्य प्रदेश 4602 मामलों के साथ दूसरे और गुजरात 2785 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है। वरिष्ठ नागरिकों के साथ सबसे कम अपराध के हिसाब से देखें तो मणिपुर में सात, असम में छह, झारखंड में दो, मेघालय में तीन, सिक्किम में दो और उत्तराखंड में चार मामले दर्ज किए गए।
कोरोना महामारी के चलते साल 2020 में पूरे देश में अपराध की घटनाओं में कुछ हद तक कमी देखी गई है। इसी क्रम में उत्तराखंड राज्य लगातार तीसरे साल में भी सीनियर सिटीजन के रहने के लिए सुरक्षित राज्य बना हैं। इसका दावा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी के द्वारा जारी किए आंकड़ों से किया गया है। इसके अलावा यह राज्य अच्छी हेल्थ के लिए भी जाना जाता है। कहा जाता है देवभूमि में आते ही लोगों की कई बीमारियां अपने आप ही ठीक हो जाती हैं। यहां का शानदार वातावरण (क्लाइमेट) लोगों को स्फूर्ति और ऊर्जावान बनाए रखता है। इसी लिए तो दिल्ली-एनसीआर व अन्य शहरों के लोग वीकेंड पर मसूरी, नैनीताल, हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून समेत अन्य टूरिस्ट प्लेस पर खिंचे चले आते हैं।
शंभू नाथ गौतम