National Education Policy 2020

श्रीनगर गढ़वाल: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का आज 12 जुलाई 2022 को उत्तराखंड में शुभारम्भ हो गया है। इसीक्रम में विकासखंड खिर्सू में संकुल भट्टीसेरा के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालय लंगाल्यूबगड़ में प्री-स्कूल (बाल वाटिका) का शुभारंभ किया गया। जिसमें खंडशिक्षा अधिकारी खिर्सू अश्विनी सिंह रावत, उप शिक्षा अधिकारी प्रेम लाल भारती, जिला पंचायत सदस्य कैलाश चन्द, भारतीय जनता पार्टी की महिला मोर्चा की अध्यक्ष खिर्सू श्रीमती मीना गैरोला, ब्लॉक समन्वयक खिर्सू मुकेश काला, संकुल समन्यक भट्टीसेरा अजय प्रकाश, विपिन गौतम, श्रीमती आरती पुण्डीर, नवीन कुमार, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य और ग्रामीण अभिभावकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

बीआरसी समन्वयक मुकेश काला ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत उत्तराखंड के आंगनवाड़ी केंद्रों में जुलाई से प्री-स्कूल भी संचालित होने जा रहे हैं। 12 जुलाई 2022 से विकासखण्ड खिर्सू में चयनित राजकीय प्राथमिक विद्यालय लगांल्यूंबगड़ में स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र में प्री-स्कूल शुरू किया गया। प्री-स्कूल को बाल वाटिका नाम दिया गया है। जहां पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री बच्चों को खेल-खेल में स्कूल के लिए तैयार करेंगे। नई शिक्षा नीति के तहत बाल वाटिका शुरू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य होगा।

खण्ड शिक्षा अधिकारी अश्विनी रावत ने नई शिक्षा नीति में शिक्षा विभाग के ढांचे में बड़ा बदलाव किया गया है। सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर प्री प्राइमरी कक्षाएं प्रारंभ होनी है। नई शिक्षा नीति में इसका प्रावधान किया गया है। इस कक्षा को बाल वाटिका नाम दिया जाएगा।

उप शिक्षा अधिकारी जी पी एल भारती ने नई शिक्षा नीति में 10+2 के स्थान पर 5+3+3+4 का प्रावधान किया जाएगा। नए प्रावधानों के अनुसार 3 से 8 साल तक के बच्चों के लिए फाउंडेशन स्टेज की बात कही गई है। इसमें दो साल आंगनबाड़ी के होंगे। इसके बाद एक साल बालवाटिका का और फिर पहली और दूसरी कक्षा होगी। यह तीनों कक्षाएं स्कूल में संचालित होगी। इससे सरकारी स्कूलों में भी प्री प्राइमरी कक्षाएं प्रारंभ हो सकेंगी।

मुख्य अतिथि वैलाश चन्द ने बताया कि नई शिक्षा नीति के त​हत बाल वाटिका 5 से 6 वर्ष के आयु वर्ग के सभी बच्चों के लिए होंगे। जहां बच्चों को खेल-खेल में सिखाया जाएगा।  बच्चों में अच्छी आदतों का विकास करना भी उद्देश्य है। वर्तमान में इस तरह का कांसेप्ट निजी स्कूलों में ही देखने को मिलता है। जहां पर खेल के जरिए बच्चों को स्कूलों के लिए तैयार किया जाता है। लेकिन अब ये सरकारी स्कूलों को भी अपनाना है। जिससे बच्चे को पहले से बेहतर माहौल मिल सके।

कार्यक्रम की अध्यक्षता खण्ड शिक्षा अधिकारी अश्विनी रावत तथा संचालन अजय प्रकाश द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रधानाध्यापिका श्रीमती वन्दना उनियाल,सहायक अध्यापिका श्रीमती अरुणा चमोली, आंगनबाड़ी कार्यकत्री श्रीमती लक्ष्मी पंवार,सहायिका श्रीमती प्रीता देवी,आंगनबाडी सुपरवाइजर श्रीमती बधानी मौजद रहे।