देहरादून: उत्तराखंड में राज्य के करीब डेढ़ लाख से अधिक जनरल-ओबीसी कर्मचारी आज (2 मार्च) से बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं। जिसके चलते राज्य में सरकारी काम काज ठप्प हो गया है। इधर सरकार भी झुकने के मूड ने नहीं दिख रही है। सरकार ने कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर नो NO WORK NO PAY (काम नहीं तो पैसा नहीं)) का आदेश जारी कर दिया है। जिसके बाद अब हड़ताली कर्मचारियों में और आक्रोश बढ़ गया है।
पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ उत्तराखंड जनरल ओबीसी एम्लाइज एसोसिएशन के बैनर तले राज्य कर्मचारियों की 2 मार्च से पूर्वनिर्धारित प्रदेश व्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर आज सुबह से ही देहरादून के ज्यादातर दफ्तरों में तालाबंदी कर सैकड़ों कर्मचारी परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए। राजधानी देहरादून के अलावा कुमायूं और गढ़वाल के ज्यादातर सरकारी दफ्तरों में आज हड़ताल के चलते कामकाज प्रभावित रहा। एसोसिएशन ने दावा किया है कि आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी कर्मचारी हड़ताल में शामिल हैं। उधर कर्मचारियों की हड़ताल को देखते हुए सरकार ने नो वर्क नो पे का आदेश जारी कर दिया है। जिसके बाद अब हड़ताली कर्मचारियों में और आक्रोश बढ़ गया है। आंदोलरत सरकारी कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि जबतक उनकी लंबित मांगे पूरी नहीं होती उनका आंदोलन जारी रहेगा।
आंदोलित कार्मिकों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया है कि पदोन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है। यह राज्य सरकार को तय करना है कि वह पदोन्नति में आरक्षण देती है अथवा नहीं। एसोसिएशन की मांग है कि उत्तराखंड में बिना आरक्षण पदोन्नति बहाली का शासनादेश जारी किया जाए।