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कोरोना की तीसरी के लहर के डर के चलते उत्तराखंड सरकार ने इस साल भी कांवड़ यात्रा को रद करने का फैसला लिया है। कोरोना संक्रमण के कारण कांवड़ यात्रा पर लगातार दूसरे साल रोक लगाई गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा के संबंध में सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में कोविड के  डेल्टा प्लस वैरियेंट पाए जाने और कोविड की तीसरी लहर की आशंका व देश-विदेश में इसके दुष्प्रभावों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में विशेषज्ञों की राय पर भी विचार किया गया। सीएम ने कहा कि मनुष्य के जीवन की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आगामी कांवड़ यात्रा  को स्थगित रखने का निर्णय लिया गया।

बता दें कि बीते अप्रैल महीने में हरिद्वार महाकुंभ के दौरान बड़ी संख्‍या में श्रद्धालु हरिद्वार आए थे। इससे राज्‍य में कोरोना की स्थित बिगड़ी थी। इसी को देखेते हुए तत्‍कालीन सरकार ने प्रदेश में श्रावण मास में होने वाली कांवड़ यात्रा को रद करने का फैसला लिया था। हालांकि, इस बीच राज्‍य में नेतृत्‍व परिवर्तन हो गया। नए मुख्‍यमंत्री ने अन्‍य राज्‍यों से बातचीत के बाद कांवड़ यात्रा पर फैसला लेने की बात कही थी। इसी को लेकर आज मंगलवार को मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी की अध्‍यक्षता में बैठक हुई, जिसमें कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए कांवड़ यात्रा को रद करने का फैसला लिया गया। वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे कराने का फैसला लिया है।

कांवड़ यात्रा के दौरान भगवान शिव के भक्त उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, दिल्ली, राजस्थान और देश के कई और राज्यों से कांवड़ लेकर हरिद्वार पहुंचते हैं और फिर हरिद्वार से कांवड़ भरकर वापस अपने घरों की तरफ निकलते हैं, अधिकतर श्रद्धालू पैदल यात्रा करते हैं।

मुख्यमंत्री ने सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक को यथोचित कार्यवाई करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने ये भी निर्देश दिए कि पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए प्रभावी कार्यवाई के लिए अनुरोध किया जाए। जिससे वैश्विक माहमारी को रोकने में सफलता मिल सके।

उत्तराखंड सरकार पर उत्तरप्रदेश और हरियाणा सरकार का दबाव था। इन दोनों राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं। दोनों राज्य कांवड़ यात्रा के संचालन की तैयारी कर रहे हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के अधिकारियों को 25 जुलाई से कांवड़ यात्रा के संचालन की तैयारी के आदेश दिए हैं।

प्रदेश सरकार चारधाम यात्रा भी शुरू नहीं कर पाई है। उच्च न्यायालय ने यात्रा शुरू करने पर रोक लगा रखी है। सरकार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। ऐसे में कांवड़ यात्रा के संचालन पर भी सरकार न्यायिक वाद में फंस सकती है। सरकार को कोर्ट का भय भी सता रहा है।

मुख्यमंत्री की बैठक में उच्चाधिकारियों ने साफ कर दिया कि कोविड 19 महामारी को देखते हुए कांवड़ यात्रा का संचालन करना उचित नहीं होगा। यात्रा के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड आएंगे और उन सभी के कोविड टेस्ट करने के संभव नहीं होंगे। यात्रा को सीमित करने के लिए भी बहुत सारे इंतजाम करने पड़ सकते हैं।