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देहरादून: उत्तराखंड में सरकार ने आख़िरकार पदोन्नति में आरक्षण को खत्म कर दिया गया है। इसके साथ ही प्रमोशन पर लगाई रोक को हटा दिया गया है। अब राज्य में सितंबर,  2012 के जीओ के अनुसार वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नतियां होंगी। जिसके बाद उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इमप्लॉयज एसोसिएशन के बैनर तले राज्य कर्मचारियों की बीते 2 मार्च से चली आ रही अनिश्चितकालीन हड़ताल आज शासन से मिले इस आदेश के बाद समाप्त हो गई है.

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इमप्लॉयज एसोसिएशन के कर्मचारी बीते 02 मार्च से पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर थे। आंदोलन लगातार उग्र होता देख राज्य सरकार की ओर से उन्हें हड़ताल से वापस बुलाने की काफी कोशिशें हुई, लेकिन बात नहीं बन पाई। एसोसिएशन लगातार अपनी मांगों पर अड़ा रहा। जिसके बाद बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से कर्मचारी नेताओं की अलग-अलग हुई वार्ता के बाद सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों की तीन मांगें मान ली हैं। इसके बाद जनरल-ओबीसी कर्मचारियों ने हड़ताल स्थगित कर दी है।

बतादें कि प्रमोशन में आरक्षण के मामले में 7 फरवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए पदोन्नति में आरक्षण को मौलिक अधिकार न बताते हुए इसे सरकार की मर्जी पर छोड़ दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पदोन्नति वरिष्ठता के आधार पर हो। इसमें आरक्षण को आधार न बनाया जाए। जिसके बाद से राज्य के जनरल-ओबीसी कर्मचारी प्रमोशन में आरक्षण को समाप्त करने के लिए लगातार सरकार पर दबाव बनाते हुए दो मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे। आख़िरकार आज राज्य सरकार ने आज उनकी मांगों को मानते हुए प्रमोशन में आरक्षण को समाप्त कर दिया है। सरकार के इस फैसले से जनरल-ओबीसी कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है।

एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी के अनुसार सीएम त्रिवेंद्र रावत से वार्ता में इस बात पर सहमति बनी कि कर्मचारियों को हड़ताल की अवधि का विशेष अवकाश दिया जाएगा।

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