देहरादून : कोरोना महामारी की दूसरी लहर इतनी घातक है कि इसका वायरस कुछ दिनों में ही संक्रमित व्यक्ति के नाक व गले से होकर चेस्ट (फेफड़ों) में पहुँच जाता है। ऐसे में वायरस मरीज की RT-PCR रिपोर्ट में पकड़ में नहीं आ पाता है। चेस्ट में पहुँच चुके वायरस का पता लगाने के लिए इसके लिए सीटी स्कैन (HRCT) किया जाता है। देखने में आया है कि कोरोना काल में निजी रेडियोलॉजी सेंटर कोरोना मरीजों से मनमाने पैसे वसूल कर रहे हैं।
राज्य में सीटी स्कैन के रेट निर्धारित किये जाने को लेकर लोगों द्वारा काफी दिनों से मांग की जा रही थी। जिसके बाद आज राज्य सरकार ने उत्तराखंड में सीटी स्कैन कराने वाले मरीजों को राहत देते हुए न्यूनतम शुल्क का निर्धारण कर दिया गया है। स्वास्थ्य सचिव पंकज कुमार पाण्डेय ने सिटी स्कैन के न्यूनतम शुल्क का निर्धारण कर आदेश जारी कर दिए हैं।
जारी आदेश के अनुसार, राज्य सरकार ने सीटी स्कैन के लिए 2,800/- और 3,200/- रुपये रेट निर्धारित कर दिया है। सिटी स्कैन के लिए मरीजों को अब 16 स्लाइस तक के एचआरसीटी पर 2800 और 16 स्लाइस से अधिक के एचआरसीटी के लिए 3,200 रुपये का भुगतान करना होगा। इसके उल्लंघन पर महामारी एक्ट के तहत कार्यवाही की जाएगी। इस आदेश से पहले राज्य में सीटी स्कैन के लिए 5000 से 8000 रुपये तक वसूला जा रहा था। यह आदेश राज्य में संचालित निजी रेडियोलॉजी सेंटरों में कोविड-19 संदिग्ध अथवा धनात्मक रोगियों के एचआरसीटी पर लागू होंगे।