Uttarakhand Karmakar Board

देहरादून : धामी सरकार ने लंबे समय से विवादों में चल रहे उत्तराखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड से अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल को हटा दिया है। शमशेर सिंह सत्याल को हटाने के साथ ही उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहीं हरिद्वार की उप श्रमायुक्त मधु नेगी चौहान को भी रुखसत कर दिया गया है। इसके साथ ही शासन ने बोर्ड का पुनर्गठन भी कर दिया है। सचिव श्रम, हरबंस सिंह चुघ को बोर्ड के अध्यक्ष और पीसीएस डॉ. अभिषेक त्रिपाठी को सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

क्या था पूरा मामला

वर्ष 2017 में उत्तराखंड में भाजपा सरकार बनने के बाद श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत उत्तराखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी देख रहे थे। कर्मकार कल्याण बोर्ड पिछले साल अक्टूबर में तब सुर्खियों में आया, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देशों के क्रम में शासन ने डॉ. हरक सिंह रावत को अध्यक्ष पद से हटाकर शमशेर सिंह सत्याल को अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था। सत्याल को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र का करीबी माना जाता रहा है। इस पर श्रम मंत्री ने सख्त नाराजगी जताई थी, लेकिन तब सरकार के निर्णय के अनुरूप शासन ने बोर्ड का नए सिरे से गठन कर दिया था। इसके बाद सत्याल की अध्यक्षता वाले बोर्ड ने नवंबर में पिछले बोर्ड के फैसले पलट दिए। साथ ही बोर्ड के तमाम कार्यों में नियमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए इसका स्पेशल आडिट कराने का निर्णय लिया था। हालांकि, तब इसे टाल दिया गया था।

सत्याल के कार्यभार ग्रहण करने के बाद से कर्मकार बोर्ड लगातार विवादों में रहा। कई विवादों के चलते सरकार भी असहज हुई। इस दौरान सत्याल और हरक के बीच काफी जुबानी जंग भी हुई थी।

सत्याल और हरक सिंह के बीच विवाद के ये थे मुख्य कारण

  • कोटद्वार में ईएसआई अस्पताल के लिए बोर्ड से 20 करोड़ जारी हुए थे, जिसे सत्याल ने वापस लिया।
  • पूर्व बोर्ड में रखे गए 40 कर्मचारियों को अध्यक्ष सत्याल के कार्यकाल में बाहर कर दिया गया।
  • बोर्ड से बांटी गईं साइकिलों के आवंटन की शिकायत शासन से की गई, जिस पर जांच बैठी।
  • बोर्ड का विशेष ऑडिट कराया गया, जिस दौरान सामने आए तथ्यों की वजह से विवाद पैदा हुआ।
  • सत्याल व पूर्व अध्यक्ष एवं श्रम मंत्री हरक सिंह रावत के बीच जुबानी जंग भी विवाद का कारण बनी।
  • बोर्ड अध्यक्ष ने बोर्ड बैठक में शासन की ओर से तैनात सचिव को कार्यमुक्त करने का फैसला लिया।
  • बैंकों को बताया कि सचिव मधु नेगी चौहान कार्यमुक्त हो चुकी हैं, उनके हस्ताक्षर मान्य नहीं होंगे।

इन सब विवादों के चलते श्रम मंत्री हरक सिंह रावत और अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल के बीच लगातार जुबानी जंग चल रही थी। जिस पर पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत भी फैसला नही ले पाए थे। परन्तु आखिरकार, धामी सरकार ने बोर्ड से सत्याल को हटाने का निर्णय लिया। माना जा रहा है कि हरक सिंह रावत की दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से हुई मुलाकात के बाद ही शमशेर सिंह सत्याल को लेकर यह फैसला लिया गया है।