Supreme-Court

देहरादून: उत्तराखंड में पंचायत चुनावों को लेकर घटनाक्रम तेजी से बादल रहे हैं। एक तरफ आज से प्रथम चरण के नामांकन शुरू गए हैं। वहीँ दूसरी तरफ राज्य सरकार दो से ज्यादा बच्चों वाले मामले में पंचायत चुनावों को लेकर हाई कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के मूड में है।

उल्लेखनीय है कि गुरुवार को नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चों वाले दावेदारों को अयोग्य घोषित करने वाले पंचायती राज संशोधन एक्ट को रद्द कर दिया था। इसके साथ ही कोर्ट ने यह फैसला सुनाया था कि 25 जुलाई 2019 से पहले जिसके दो से ज्यादा बच्चे हैं वे भी उत्तराखंड में होने वाले पंचायत चुनाव 2019 में चुनाव लड़ सकते हैं।

परन्तु पंचायत चुनावों को लेकर हाई कोर्ट के इस निर्णय को राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। यह बात प्रदेश के पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडे ने पत्रकार वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि देश जनसंख्या वृद्धि से बहुत सारी दिक्कतों का सामना कर रहा है। हमारी सरकार ने पंचायत चुनावों में दो बच्चों का फामरूला इसलिए लागू किया ताकि इस गंभीर समस्या को रोकने में मदद मिल सके। हम  उम्मीद कर रहे थे कि हमारी देखा देखी दूसरे राज्य भी इस पर कदम उठाएंगे। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने आदेश दिया है परन्तु अभी  हमारे पास लिखित में कुछ नहीं है। सरकार हाईकोर्ट के निर्देश मिलने का इंतजार कर रही है। न्याय विभाग से परामर्श कर इस फैसले के खिलाफ प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी। हालाँकि प्रथम चरण के नामांकन आज से ही शुरू गए हैं।

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