मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा उत्तराखण्ड के प्रथम सीजीडी प्रोजेक्ट का शुभारम्भ
2019 तक दून में मिलेगी सीएनजी, पीएनजी की सुविधा
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को ओएनजीसी सभागार से उत्तराखण्ड के प्रथम सीजीडी, (सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन) रूद्रपुर, उधमसिंह नगर का शुभारम्भ किया। यह उत्तराखण्ड का पहला तथा देश का आठवां सीजीडी है। 500 किलोमीटर की यह पाइप लाइन 2020 तक पूरी हो जाएगी। इसके द्वारा 2000 लोगों को रोजगार मिलेगा इस पाइप लाइन के अंतरगत जसपुर में एक, काशीपुर में दो, बाजपुर में एक, रूद्रपुर में तीन, किच्छा में एक तथा खटीमा में एक, कुल मिलाकर 10 स्थानों को सीएनजी स्टेशन के लिए चिन्हित किया गया है। लगभग 250 करोड़ रूपये की इस परियोजना से उत्तराखण्ड में काशीपुर से रूद्रपुर व पन्तनगर तक का क्षेत्र लाभान्वित होगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पेट्रोलियम एवं नेचुरल रेग्यूलेट्री बोर्ड द्वारा आयोजित 9वें सीजीडी बिडिंग राउन्ड रोड शो में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने रूद्रपुर वासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पेट्रोलियम एवं नेचुरल रेग्यूलेट्री बोर्ड तथा अदानी गुरुप के संयुक्त प्रयासो से आज रुद्रपुर में घरेलू गैस की आपूर्ति गैस पाइप लाइन द्वारा आरम्भ हो गई है। राज्य सरकार के छह माह पूरे होने पर हमने वादा किया था कि दून वैली को भी सीएनजी, पीएनजी पर निर्भर बनाएंगे। आज हम इस दिशा में आगे बढे़ है, आशा है कि 2019 तक देहरादून में भी सीएनजी, पीएनजी की सुविधा उपलब्ध होगी। देहरादून एवं दून वैली पर्यावरण की दृष्टि से सवेंदनशील है। उत्तराखण्ड पूरे देश को प्राणवायु देता है। यह महत्वपूर्ण पहल है। हिमालय तथा उत्तराखण्ड के जंगल, नदियां तथा पर्यावरण देश के लिए वरदान है। राज्य सरकार द्वारा पिरूल से बिजली बनाने का निर्णय लिया है। हमारे जंगलों में लगभग एक लाख मीट्रिक टन पिरूल है। पिरूल को आय का जरिया बनाया जाएगा, तारपीन, बायोफयूल आदि का उत्पादन किया जाएगा। इस योजना से 60000 लोगो को रोजगार मिलेगा तथा 150 मेगावाट बिजली पैदा होगी। बायोफ्यूल उत्पादन के लिए देहरादून मे भूमि आवंटित की जा रही है। राज्य सरकार का प्रयास है कि पर्यावरण संरक्षण के साथ ही पलायन पर प्रभावी अकुंश लगाया जा सके। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने निवेशकों से अपील की किसी भी परियोजना या योजना पर काम करते हुए हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि इसके माध्यम से कितने लोगो को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण सरंक्षण के साथ ही पलायन राज्य की गम्भीर समस्या है। शासन के अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि योजनाओं के निमार्ण समय इस बात का विशेष ध्यान रखे कि योजनाओं के माध्यम से अधिकाधिक रोजगार के अवसर पैदा हो। रोजगार का मतलब स्वरोजगार है ना कि सरकारी नौकरी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्वरोजगार से ही पलायन पर प्रभावी अकुंश लग सकता है।
पेट्रोलियम एवं नेचुरल रेग्यूलेट्री बोर्ड के अध्यक्ष जी के श्राफ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सीजीडी के लिए अच्छा सहयोग दिया जा रहा है। उत्तराखण्ड में हरिद्वार तथा उधम सिंह नगर में इस पर कार्य किया जा रहा है। देहरादून के लिए निवेशकों को आमत्रिंत किया जा रहा है। गेल द्वारा 2019 तक हरिद्वार में गैस पाइप लाइन पर कार्य पूरा कर लिया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा हर संभव सहयोग दिया जा रहा है। इस सम्बन्ध में सभी प्रकार के अनुमोदन शीघ्र प्राप्त हो रहे है। देहरादून के सेलाकुई क्षेत्र, ऋषिकेश के औद्योगिक क्षेत्र में शीघ्र ही सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन आरम्भ किया जाएगा।