crimination

बागेश्वर: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में चल रहे लॉकडाउन के दौरान कुछ लोग इसकी गंभीरता को न समझते हुए बेवजह इधर-उधर घुमे रहे हैं। तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अत्यंत आवश्यक कार्य होने के बावजूद भी अपने गंतव्य स्थान के लिए नहीं निकल पा रहे है। ऐसे ही एक मामला दिल्ली में रह रहे उत्तराखंड मूल के दो भाईयों के साथ हुआ।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद गांसी गाँव के एक व्यक्ति की शुक्रवार शाम को मृत्यु हो गई। मृतक के दोनों लड़के दिल्ली में निजी कंपनी में नौकरी थे। परिजनों ने मृतक के बेटों को उनके पिता के निधन की सूचना दी, लेकिन लॉकडाउन के चलते दोनों बेटों और बहू के सामने घर लौटने की समस्या पैदा हो गई।

इसके बाद गांसी की प्रधान प्रीता देवी और जिला रेडक्रास सोसायटी के चेयरमैन अशोक लोहनी ने सांसद अजय टम्टा से संपर्क कर समस्या बताई। जिसके बाद सांसद अजय टम्टा ने मृतकके दोनों पुत्रों और बहू का दिल्ली से गांसी गाँव आने के लिए पास बनवाया। पास मिलने के बाद वे लोग कार बुक कर शुक्रवार देर शाम बागेश्वर के लिए रवाना हुए। और शनिवार सुबह करीब 11 बजे अपने घर पहुंचे। जिसके बाद उन्होंने स्थानीय श्मशान घाट में अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। दोनों बेटों ने इसके लिए सांसद अजय टम्टा और रेडक्रास सोसायटी के चेयरमैन अशोक लोहनी का आभार जताया। जिनकी वजह से वे अपने पिता का अंतिम संस्कार कर पाए।