उत्तरकाशी: उत्तरकाशी के प्रख्यात व्यवसायी स्व. रुकम सिंह पंवार के पुत्र एवं उत्तराखंड पीपीएस (2005 बैच) अधिकारी सुरजीत सिंह पंवार को भारत सरकार द्वारा आईपीएस कैडर आवंटित किया गया है। यह उपलब्धि न केवल उत्तरकाशी, बल्कि समूचे उत्तराखंड के लिए गर्व का विषय है।
लगभग दो दशकों से अधिक समय तक अपनी सेवाएं देते हुए पंवार ने ईमानदारी, निष्ठा और कर्तव्यपरायणता की मिसाल कायम की है। नरेंद्रनगर में सीओ रहते हुए उन्होंने करोड़ों रुपये के आईटी फ्रॉड मामलों में न्याय दिलाया और उत्तराखंड का पहला साइबर क्राइम केस वर्कआउट किया। उत्तर भारत में नाइजीरियन लॉटरी फ्रॉड का पर्दाफाश करने का श्रेय भी उन्हें प्राप्त है।
हरिद्वार में 2013–15 के दौरान सिटी एसपी के रूप में उनकी सख्त और निष्पक्ष छवि जनता के बीच लोकप्रिय रही। 2010 और 2021 के महाकुंभ, 2016 के अर्धकुंभ तथा एक दर्जन से अधिक कांवड़ मेलों के सफल एवं सुरक्षित आयोजन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। भीड़ प्रबंधन और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी पंवार का योगदान अनुकरणीय माना जाता है। वर्ष 2013 की आपदा के दौरान बद्रीनाथ धाम में फंसे 18,000 यात्रियों को सुरक्षित निकालने के अभियान के वे पुलिस नोडल अधिकारी थे।
कोविड-19 नियंत्रण से लेकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और विभिन्न राज्यों के चुनावों में भी उनकी सेवाएं सराहनीय रही हैं। टिहरी गढ़वाल के थान गांव के मूल निवासी पंवार ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई उत्तरकाशी से की और आगे की उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से प्राप्त की।
कविता और लेखन में भी उनकी गहरी रुचि है। उनकी कविताएं और लेख प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। प्रशिक्षण के क्षेत्र में उनके योगदान से हरिद्वार का सशस्त्र प्रशिक्षण केंद्र वर्ष 2021 में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा ‘सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण संस्थान’ की ट्रॉफी से सम्मानित हुआ।
उनकी सेवाओं को देखते हुए उन्हें वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक, 2020 व 2021 में सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह तथा हाल ही में 2025 में राज्यपाल उत्कृष्ट सेवा पदक से नवाजा जा चुका है।
पंवार की इस उपलब्धि पर समूचे उत्तराखंड में हर्ष का माहौल है। लोग उन्हें ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ और जनहितकारी अधिकारी के रूप में याद कर रहे हैं।