उत्तराखण्ड को 18 वें सीएसआई एसआईजी ई-गवर्नेस अवार्ड 2020 दिया गया है। यह अवार्ड उत्तराखण्ड को राज्यों की श्रेणी में ई-मंत्रीमंडल के लिए दिया गया है। शुक्रवार 12 फरवरी को लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने उत्तराखण्ड को ई-मंत्रीमंडल और उत्तराखण्ड ऑडिट मैनेजमेंट के लिये पुरस्कार प्रदान किये। उत्तराखण्ड की ओर से यह पुरस्कार एनआईसी के एसआईओ के0नारायण तथा संयुक्त सचिव गोपन विभाग ओमकार सिंह ने यह पुरस्कार प्राप्त किये।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रविन्द्र जैसवाल, उप-सचिव गोपन विभाग अजीत सिंह एवं उत्तराखंड ऑडिट मैनेजमेंट सिस्टम टीम के रजत मेहरा, नोडल ऑफिसर, ऑडिट सेल उत्तराखंड, तकनीकी निदेशक, एनआईसी नरेन्दर सिंह नेगी उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि नॉन-प्रोफिट सोसायटी सीएसआई ई गवर्नेस में विभिन्न श्रेणियों में बेहतर कार्य के लिए अवार्ड देती है। उत्तराखण्ड में ई-कैबिनेट की पहल को ई-गवर्नेस की दिशा में बङा कदम मानते हुए अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस से सम्मानित किया गया है। संस्था द्वारा इसे बेस्ट प्रेक्टीसेज के अंतर्गत अन्य राज्यों के साथ भी साझा किया गया।
उत्तराखण्ड को यह पुरस्कार प्राप्त होने पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गोपन विभाग एवं एनआईसी के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि गुड गवर्नेस के लिए ई-गवर्नेस बहुत जरूर है। ई-कैबिनेट, ई-ऑफिस, ई-डिस्ट्रिक्ट, सीएम हेल्पलाईन आदि महत्वपूर्ण पहल हैं। कोशिश है कि लोगों को सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक लाभ मिले।
इस अवसर पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने भी ने गोपन विभाग एवं एनआईसी के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि ई-कैबिनेट की पहल करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य है। उत्तराखण्ड में ई-कैबिनेट के मॉडल पर दूसरे राज्यों में भी विचार किया जा रहा है। सचिवालय के लगभग सभी अनुभागों में ई-ऑफिस प्रारंभ किया जा चुका है। सूचना तकनीक के प्रयोग से प्रशासनिक कार्यकुशलता में सुधार हुआ है।