अगर आपने अपने समय का मशहूर गढ़वाली गीत “तेरू बकी बात रूप कमयूं चा, त्वे मा सैरु गढ़वाल समयुं चा..” सुना है तो आपको उस गीत के रचनाकार, गायक और संगीतकार संतोष खेतवाल का नाम भी जरुर याद होगा। जी हाँ आप सही समझ रहे हैं इन दिनों स्टार प्लस पर प्रसारित होने वाले मेगा सिंगिग शो ‘दिल है हिन्दुस्तानी सीजन-2’ के मंच पर अपनी दिलकश आवाज से बॉलीवुड म्यूजिक के साथ पहाड़ी गानों का तड़का लगाकर पूरे हिंदुस्तान के दर्शकों को दीवाना बनाने वाले उत्तराखण्ड के युवा स्टार गायक संकल्प खेतवाल सुप्रसिद्ध लोकगायक संतोष खेतवाल के सुपुत्र हैं। एक समय जब कैसेट का दौर था तो संतोष खेतवाल के कई गीत लोगों की जुबां पर रहते थे। इसमें “तेरू बकी बात रूप कमयूं चा, त्वे मा सैरु गढ़वाल समयूं चा..”, “ढिबली भकम-भम सरैला..” और “मैं नी जाणु नेपाला, रोमरो लग्यो ये गढ़वाल मां..”, आदि हिट गीत शामिल हैं।
संतोष खेतवाल के पुत्र और उत्तराखंड के युवा स्टार संकल्प खेतवाल का जन्म 12 मार्च 1995 में उत्तराखण्ड के उत्तराकाशी में हुआ। संकल्प ने अपनी पढ़ाई देहरादून से की है। बारहवीं के बाद संकल्प ने संगीत महाविद्यालय से संगीत में ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी। परिवार में संगीत का मौहाल होने के कारण बचपन से ही संकल्प की दिलचस्पी भी संगीत में होती गई और उनके दिलचस्पी को देखते हुए उनके पिता ने उन्हें घर पर ही ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया था। 2014 में संकल्प की पहली कैसेट रिलीज हुई, जिसका नाम था मैणा स्याली…। इस कैसेट के गीतों को काफी पसंद किया गया और इसकी सफलता के बाद उन्होंने 2016 में बाजुली रे… एलबम लॉन्च कर डाली।
संकल्प अभी अपनी ट्रेनिंग पूरी करने में लगे हैं। इसके अलावा वह अपना एक बैंड भी चलाते हैं जिसका नाम उन्होंने उत्तराखंड के देवता भैरव बाबा के नाम पर भैरवाज रखा है। बैंड में संकल्प गाना गाते हैं, रजत डोभाल ड्रम, हिमांशु रावत और सौरभ नेगी गिटार और आशु पाल तबला, ढोलक पर संगीत देते हैं। इस बैंड का मकसद उत्तराखंड के गीत-संगीत और संस्कृति को पूरी दुनिया में पहचान दिलाना है। इसी मकसद से वह शो में बॉलीवुड गीतों के साथ पहाड़ी गीतों का फ्यूजन लेकर आ रहे हैं। सुनिधि चौहान ने संकल्प की आवाज की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी आवाज काफी दिलकश है, सुनिधि के आलावा शो के दूसरे जज संगीतकार प्रीतम और रैप सिंगर बादशाह भी संकल्प से काफी प्रभावित है।
‘दिल है हिन्दुस्तानी सीजन-2’ शो के ऑडिशन मे संकल्प खेतवाल और उनकी टीम ने गढ़वाली गीत “मठु मठु हिट छोरी तेरी गागर छलकेंदी” गाकर दर्शकों के साथ-साथ सामने कुर्सी पर बैठे जजों को भी मंत्र-मुग्ध कर दिया। संकल्प की टीम मे बांसुरी वादक मनुराज हैं, जो राजस्थान के रहने वाले हैं और पद्म विभूषण हरि प्रसाद चौरसिया के शिष्य हैं। मनुराज भी उत्तराखंड के संगीत से खासे प्रभावित और उत्साहित नजर आते हैं। मेगा ऑडिशन में इस टीम ने जौनसारी गीत “बाइ सुवा दिल मेरो तोड्या न हो” गाया तो पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इन दोनों ही गीतों का संगीत और बोल संकल्प के पिता और उत्तराखंड के लोकप्रिय गायक संतोष खेतवाल ने तैयार किया है।
टॉप-6 में पहुचकर एक बार फिर संकल्प अपने बैंड के साथ प्रस्तुति पेश की जिसकी शुरुआत उन्होंने पहाड़ी मांगल गीत ”दैणा हुयां खोली का गणेशा, दैणा हुयां मोरी का नारैणा..” से की। संकल्प ने इस गीत को “ये जवानी है दिवानी” फिल्म के सुपर हिट सौंग “सुन कबीरा मान जा” के साथ मिक्स कर गाया। संकल्प की प्रस्तुति सुनकर सामने कुर्सियों पर बैठे जजों ने खड़े होकर उत्तराखण्ड के इस युवा सिंगर की प्रशंसा खूब की, खासकर सुनिधि चौहान इस प्रस्तुति को सुनकर बहुत भाउक हो गई।
”दैणा हुयां खोली का गणेशा, दैणा हुयां मोरी का नारैणा..” के कुछ अंश नीचे शेयर फेसबुक विडियो में देख सकते हैं।
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“दैणा होया खोलि का गणेशा” इंडियन टेलिविज़न पर फिर चढा उत्तराखंड का रंगSankalp Khetwal Project & Manuraj Rajput on Star Plus Show "Dil Hai Hindustani" stageCongratulations, Now in Top 6Jai Uttarakhand : Must Share#Uttarakhand #DilHaiHindustani #Sankalp #StarPlus #DekhMister #DMJU
Posted by Dekh Mister Jokes Uttarakhand on Sunday, 22 July 2018
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